पहले सपना ओलंपिक में कोई पदक जीतने का था, पर अब स्वर्ण : विकास

Previously the dream was to win a medal at the Olympics, but now gold: Vikas
पहले सपना ओलंपिक में कोई पदक जीतने का था, पर अब स्वर्ण : विकास
पहले सपना ओलंपिक में कोई पदक जीतने का था, पर अब स्वर्ण : विकास

नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्ण अगले साल होने वाले ओलंपिक खेलों में रजत और कांस्य पदक जीतने पर नहीं, बल्कि स्वर्ण पदक जीतने पर अपना ध्यान लगाए हुए हैं।

विकास ने आईएएनएस से कहा, यह जब भी होता तो मेरे लिए अच्छा रहता। अगर यह इस साल होता तो भी ठीक है और यह अगर अगले साल होगा तो फिर मेरे लिए ठीक है। पहले, मेरा सपना ओलंपिक में कोई सा पदक जीतने का था, लेकिन अब मेरा लक्ष्य ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है।

2019 में प्रो बाउट में विकास का 2-0 का रिकॉर्ड था। पहले उन्होंने नॉकआउट में और दूसरा उन्होंने सर्वसम्मति से जीता था।

उन्होंने कहा, पेशेवर मुक्केबाजी ने कोटा हासिल करने में मेरी काफी मदद की है। मैं एशिया के नंबर तीन मुक्केबाज को 5-0 से हराने में सक्षम था। मैंने 2012 और 2016 में भी ओलंपिक कोटा हासिल किया था। लेकिन इस बार पेशेवर मुक्केबाजी ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाने में काफी मदद की है। इसलिए मैं पेशेवर मुक्केबाजी में वापसी करना चाहता हूं।

विकास ने 2010 ग्वांग्झोउ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने अगले दो संस्करणों में मिडलवेट वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया है।

इस उपलब्धि के बाद विकास का मानना है कि वह भारत के सबसे बड़े राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के हकदार हैं।

भारतीय मुक्केबाज ने कहा, यह चयन समिति पर निर्भर है कि वह इसे कैसे देखते हैं। एक मुक्केबाज की तुलना एक मुक्केबाज से की जा सकती है, लेकिन एक मुक्केबाज की तुलना दूसरे क्षेत्र के एथलीट नहीं की जा सकती। कुछ व्यक्तिगत खेल हैं जबकि कुछ टीम आधारित खेल हैं।

विकास ने कहा, मैंने अपने पूरे करियर के दौरान पदक जीते हैं। मेरा मानना है कि मैं पिछले 13 साल से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर रहा हूं। अगर समिति इससे सहमत होती है तो यह मुझे मिलेगा।

Created On :   18 Jun 2020 1:31 PM GMT

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