2018 के विंटर ओलंपिक में रूस के खेलने पर 'बैन', जानें क्या है वजह

Russia banned from 2018 Winter Olympics over doping
2018 के विंटर ओलंपिक में रूस के खेलने पर 'बैन', जानें क्या है वजह
2018 के विंटर ओलंपिक में रूस के खेलने पर 'बैन', जानें क्या है वजह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने अगले साल साउथ कोरिया में होने वाले विंटर ओलंपिक में रूस के खेलने पर बैन लगा दिया है। प्योंगचोंग में होने वाले इस ओलंपिक में "डोपिंग" के मामले की वजह रूस के खिलाड़ियों के खेलने पर बैन लगा दिया है। बता दें कि साल-2014 में रूस में विंटर ओलंपिक हुआ था, जिसमें रूस के खिलाड़ियों पर डोपिंग के आरोप लगे थे। इसके बाद से ही रूस के खिलाड़ियों को ओलंपिक के अलावा कई और खेलों में भी एंट्री नहीं दी गई है। 


सिर्फ यही खिलाड़ी ले पाएंगे हिस्सा

हालांकि, फरवरी में होने वाले विंटर ओलंपिक में रूस के वो खिलाड़ी हिस्सा ले सकते हैं, जो खुदको निर्दोष साबित कर दें। ओलंपिक में खेलने के बावजूद भी ये रूसी खिलाड़ी अपने देश के झंडे का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। IOC का कहना है कि निर्दोष रूसी खिलाड़ियों को विंटर ओलंपिक में "ओलंपिक एथलीट फ्रॉम रशिया (OAR)" के नाम से इनवाइट किया जाएगा।

IOC का क्या है कहना?

विंटर ओलंपिक में रूस को बैन किए जाने पर ओलंपिक कमेटी (IOC) के चीफ थॉमस बाख का कहना है कि "ये ओलंपिक गेम्स और खेलों की पवित्रता पर हमला है। इस घटना के बाद एक लाइन का खींचा जाना जरूरी है और एक गैर-सरकारी एंटी डोपिंग सिस्टम को और मजबूत किए जाने की जरूरत है।" IOC ने अगले साल होने होनो वाले विंटर ओलंपिक में रूस के खेलने पर बैन लगा दिया गया है।

क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, रूस में डोपिंग का ये मामला तब सामने आया, जब साल 2014 में रूस के सोची में विंटर ओलंपिक को ऑर्गनाइज किया गया। इस ओलंपिक में रूस के खिलाड़ियों पर "डोपिंग" का आरोप लगा। इस मामले को विंटर ओलंपिक के दौरान रूस के एंटी डोपिंग लैब के डायरेक्टर डॉक्टर ग्रिगोरी रोडशेंकोव ने उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि रूस अपने खिलाड़ियों के डोपिंग के लिए एक प्रोग्राम चलाता है और उन्होंने ये भी दावा किया था कि रूस ने एक ऐसी मेडिसिन बनाई थी, जो एथलीट की परफॉर्मेंस को और बेहतर करने में मदद करती है। इस मेडिसिन का पता यूरिन टेस्ट में भी नहीं लगाया जा सकता है। इसके बाद वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ने कनाडा के एक एडवोकेट डॉ. रिचर्ड मैकलॉरेन को इसकी इन्वेस्टिगेशन का जिम्मा सौंपा था।

मैकलॉरेन ने सौंपी रिपोर्ट 

मामले की जांच करने के बाद डॉ. रिचर्ड मैकलॉरेन ने एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि साल 2012 से 2015 के बीच रूस के करीब 1000 एथलीटों को इस डोपिंग प्रोग्राम का फायदा पहुंचा है। इसके बाद रूसी एथलीटों के सैंपल्स की दोबारा जांच की गई और इन खिलाड़ियों पर बैन लगा दिया गया। इतना ही नहीं, इन खिलाड़ियों से मेडल्स भी वापस ले लिए गए थे।

कब है विंटर ओलंपिक? 

विंटर ओलंपिक साल 2018 में साउथ कोरिया में होने हैं। 9 फरवरी से शुरू होने जा रहे ये ओलंपिक साउथ कोरिया के प्योंगचोंग में खेले जाएंगे और 25 फरवरी को इसका समापन होगा। बता दें कि साल 2014 में विंटर ओलंपिक रूस के सोची में खेले गए थे। 

Created On :   6 Dec 2017 4:43 AM GMT

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