प्रशिक्षण के समय कभी-कभी नकारात्मक विचार आते हैं : साक्षी मलिक

Sometimes negative thoughts come during training: Sakshi Malik
प्रशिक्षण के समय कभी-कभी नकारात्मक विचार आते हैं : साक्षी मलिक
प्रशिक्षण के समय कभी-कभी नकारात्मक विचार आते हैं : साक्षी मलिक

नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)। रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक इस समय हरियाणा के रोहतक स्थित अपने घर में प्रशिक्षण ले रही है। साक्षी का कहना है कि लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में वह थोड़ी नरम पड़ गई थी, लेकिन आखिरकार उन्हें अहसास हुआ कि यह लंबा चल सकता है।

साक्षी ने आईएएनएस से कहा, हां, शुरुआत में मैंने इसे हल्के में लिया क्योंकि मैं सोच रही थी कि यह केवल 15 दिन चलेगा। मैं सोच रही थी कि अगर इस समय मेरे पास कोई साथी नहीं है तो कोई बात नहीं है क्योंकि इस समय प्रशिक्षण सही नहीं होगा।

उन्होंने कहा, लेकिन, जाहिर तौर पर यह बढ़ता रहा है और मैंने उसी के अनुसार अपनी सोच बदली है। हम सभी को अपनी स्थितियों के अनुकूल प्रयास करने होंगे या फिर हम सभी को सभी तरह की मानसिक समस्याएं होंगी। इसलिए मैंने स्थिति के अनुसार अपनी मानसिकता भी बदल दी है।

27 साल की साक्षी पिछले 15 साल से कुश्ती के लिए देश और दुनिया का दौरा कर रही हैं। लेकिन उन्होंने कभी ऐसे हालात नहीं देखे थे।

ओलंपिक पदक विजेता ने कहा, मेरे जीवन में यह पहली बार है कि मैं इस तरह की चीजों का अनुभव ले रही हूं। घर में क्वारंटाइन हूं। जीवन पूरी तरह से अलग है। मैं एक जगह पर 15 दिन से ज्यादा कम ही बिताई हूं। या तो मैं प्रशिक्षण के लिए या फिर टूर्नामेंट के लिए विदेशों का दौरा करती हूं।

उन्होंने कहा, हां, नकारात्मक विचार कभी-कभी आते हैं। मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि क्या मैं कुश्ती से बहुत दूर जा चुकी हूं। लेकिन फिर मुझे याद आता है कि यह स्थिति कुछ ऐसी नहीं है जिसका कि मैं सामना कर रही हूं। दुनिया भर में हर कोई इससे या इससे भी बदतर स्थिति से गुजर रहा है।

साक्षी ने कहा कि प्रशिक्षण के लिए वह अपनी विदेशी कोच एंड्रयू कूक से सलाह लेती हैं, जोकि व्हाटसऐप पर उन्हें सलाह देते हैं।

उन्होंने कहा, वह प्रशिक्षण के लिए मुझे छोटे छोटे वीडियो भेजते हैं ताकि मैं व्यक्तिगत तौर पर उस तरह का प्रशिक्षण कर सकूं। लॉकडाउन के बाद सभी लड़कियों के साथ एक कैंप आयोजित करने की योजना है। हर किसी के लिए चोटों का खतरा है। इसलिए यह परिस्थिति नहीं है, जहां हर कोई ज्यादा कुछ कर सके।

- - आईएएनएस

Created On :   9 May 2020 5:30 PM IST

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