वर्मा ने बीसीसीआई को लिखा पत्र, बीसीए मामले में ध्यान देने को कहा
नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सचिव आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई की शीर्ष परिषद को पत्र लिख बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के मामले में दखल देने को कहा है ताकि राज्य में खेल के भविष्य को नुकसान नहीं हो।
वर्मा ने जो पत्र लिखा है उसमें उन्होंने बीसीए में व्याप्त स्थिति का जिक्र किया है। इस मेल की एक प्रति आईएएनएस के पास है।
वर्मा ने पत्र में लिखा, मैं एक बार फिर आपका ध्यान बिहार क्रिकेट संघ में जो झगड़ा चल रहा है उसकी तरफ ले जाना चाहता हूं।
उन्होंने लिखा, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार की तरफ से याचिकाकर्ता के नाते, मैं आपको लगातार बीसीए के कामकाज और यह किस तरह राज्य के क्रिकेटरों का भविष्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं, के बारे में बताता आ रहा हूं। लेकिन आपने अभी तक इस मामले पर ध्यान नहीं दिया।
सीएबी के सचिव ने कहा है कि बीसीए एक गैरमान्यता प्राप्त संस्था है और पांच अगस्त 2018 को बिहार सरकार ने उसके संविधान को नकार दिया था।
वर्मा ने लिखा, बीसीए के अध्यक्ष जगन्नाथ सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला दर्ज कराया है।
उन्होंने लिखा, सीओए ने बीसीए को एजीएम में शामिल होने और 23 अक्टूबर 2019 को हुए चुनावों में हिस्सा लेने की मंजूरी दे दी थी वो भी इस बात को जानते हुए कि बिहार सरकार ने इसे मान्यता नहीं दी है। सीओए ने तब बीसीए को 11 करोड़ की मदद दी जब उसने तमिल नाडु और हरियाण को फंड देने से मना कर दिया।
उन्होंने कहा कि बीसीए गंभीर स्थिति में है और बीसीसीआई को उस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं आपसे अपील करता हूं कि आप बीसीए के मामले पर ध्यान दें ताकि राज्य में खेल को नुकसान न हो।
सीएबी के सचिव ने बताया कि उन्होंने पांच अगस्त को बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को भी पत्र लिखा था और बीसीए के पंजीकृत न होने की बात बताई थी।
वहीं बीसीए के सचिव संजय कुमार ने बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली और बीसीसीआई सचिव जय शाह को पत्र लिख बताया है कि बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।
कुमार ने अपने पत्र में लिखा है, मैं आपको बताना चाहता हूं कि बिहार क्रिकेट संघ के 38 पूर्ण सदस्य में से 23 पूर्ण सदस्यों ने सात अगस्त 2020 को लिखे पत्र के माध्यम से बीसीए की विशेष आम बैठक कराने की अपील की है।
पत्र में आगे लिखा है, इसलिए मेरे पास बीसीए का सचिव होने के नाते नोटिस जारी करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।
एकेयू/जेएनएस
Created On :   15 Aug 2020 5:00 PM IST