धोनी के बावजूद बार-बार पांड्या पर भरोसा क्यों करते हैं कोहली? 

Virat Kohli reveals reason behind Hardik Pandyas promotion up the batting order
धोनी के बावजूद बार-बार पांड्या पर भरोसा क्यों करते हैं कोहली? 
धोनी के बावजूद बार-बार पांड्या पर भरोसा क्यों करते हैं कोहली? 

डिजिटल डेस्क, बैंग्लुरू। बैंग्लुरू में खेला गया इंडिया-ऑस्ट्रेलिया का चौथा वनडे टीम इंडिया की हार का गवाह बना। लगातार 9 मैच जीतते आ रही टीम इंडिया बैंग्लुरू में आकर हार ही गई। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 21 रनों से जीत दर्ज की। ऑस्ट्रेलिया के 335 के टारगेट के सामने टीम इंडिया 313 रन ही बना सकी और सीरीज का चौथा वनडे हार गई। हालांकि 5 वनडे की सीरीज के शुरुआती तीन मुकाबले जीतकर टीम इंडिया इस सीरीज पर पहले ही कब्जा कर चुकी है। 

टीम इंडिया की शुरुआत काफी अच्छी रही और टीम के ओपनर बैट्समैन रोहित शर्मा (65) और अजिंक्य रहाणे (53) ने टीम के लिए 106 रन जोड़े। टीम की शुरुआत जिस तरह से हुई, उस तरह से उसकी जीत तय मानी जा रही थी। रहाणे के आउट होने के बाद कैप्टन कोहली आए, लेकिन वो रोहित के साथ एक बार फिर विकेटों के बीच अच्छा तालमेल नहीं बना सके और इस वजह से रोहित रनआउट हो गए। जब रोहित शर्मा आउट हुए, उस वक्त टीम इंडिया को 27 ओवर में 200 रन चाहिए थे। कोहली ने एक बार फिर से हार्दिक पांड्या को चौथे नंबर पर भेजा। उस वक्त टीम के पूर्व कप्तान और एक्सपिरीयंस खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी ड्रेसिंग रुम में बैठे थे, लेकिन कोहली ने पांड्या पर भरोसा जताया। रोहित के बाद कोहली(21) भी चलते बने और टीम को जीत दिलाने की जिम्मेदारी हार्दिक पांड्या और केदार जाधव के कंधों पर आ गई। दोनों ने ही अच्छा खेला और टीम के लिए 78 रन जोड़े। लेकिन उसके बाद भी पांड्या(41) और जाधव(69) की कोशिश काम नहीं आई और टीम लड़खड़ाते हुए मैच हार ही गई। अब एक सवाल सबके मन में है कि, जब दुनिया के बेस्ट फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी टीम के पास है तो फिर उन्हें ऊपर क्यों नहीं भेजा गया? आखिर क्यों कोहली को पांड्या पर धोनी से ज्यादा भरोसा है? आइए जानते हैं कि पांड्या को ऊपर भेजने पर कैप्टन कोहली ने इस बार क्या जवाब दिया? क्योंकि पिछले मैच में भी पांड्या को ऊपर भेजा गया और वो रणनीति काम आई, लेकिन इस बार ये रणनीति फेल हो गई, हालांकि पांड्या ने इस बार भी अच्छा खेला, लेकिन अभी उनके पास अनुभव की कमी है। 

कैप्टन कोहली ने क्या कहा? 

मैच के बाद कैप्टन कोहली ने कहा, "हमने सोचा था कि पांड्या ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर्स पर अटैक करेंगे और तेजी से रन बनाएंगे। ऐसा होने पर ऑस्ट्रेलिया अपने बॉलिंग अटैक में बदलाव करती और फास्ट बॉलरों को उतारती और बैंग्लुरू की पिच पर फास्ट बॉलरों को खेलना ज्यादा आसान है।" कोहली ने आगे कहा कि, "पांड्या ने अच्छी बैटिंग की और हम उन्हें आगे भी चौथे नंबर पर ही खिलाएंगे। हो सकता है कि वो चौथे नंबर पर हमारे रेगुलर बैट्समैन बन जाएं।" कोहली ने कहा कि पांड्या की बैटिंग काफी स्ट्रॉन्ग है और वो सिर्फ हवाई शॉट नहीं खेलते, बल्कि टेकनीक से खेलते हैं। अगर वो मैच को फिनिश करने का गुर सीख जाते हैं, तो वो टीम इंडिया के लिए महत्वपूर्ण बैट्समैन बन जाएंगे। 

महेंद्र सिंह धोनी या पांड्या? 

पांड्या को चौथे नंबर पर उतारने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जब टीम में महेंद्र सिंह धोनी जैसा फिनिशर है, तो फिर बड़े मैचों में पांड्या को चौथे नंबर पर आना शायद सही नहीं है। धोनी के पास किसी भी सिचुएशन में खेलने का एक्सपिरियंस है, वो हमेशा संभलकर खेलते हैं, जबकि पांड्या एग्रेसिव रुख अपनाते हैं। किसी भी टीम के लिए चौथा बैट्समैन बहुत इंपोर्टेंट होता है, क्योंकि वो टीम का वो खिलाड़ी होता है, जिससे मैच जीताने की उम्मीद की जाती है। अक्सर चौथे बैट्समैन के आउट होने के बाद अगर स्कोर बड़ा है तो टीम लड़खड़ा जाती है। चौथे नंबर के बैट्समैन को न सिर्फ एक फिनिशर के तौर पर देखा जाता है, बल्कि उससे उम्मीद की जाती है कि वो निचलेक्रम के बल्लेबाजों से भी तालमेल बनाकर रखे और धोनी इस कला में माहिर हैं। धोनी अगर कोई निचलेक्रम का बल्लेबाज अच्छा खेलता है, तो उसे स्ट्राइक देते हैं, लेकिन जब उन्हें पता है कि निचलेक्रम का बल्लेबाज नहीं खेल पा रहा है तो वो स्ट्राइक अपने पास ही रखना बेहतर समझते हैं। धोनी अपने वनडे करियर में अब तक 26 बार चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे हैं और इस दौरान उन्होंने 58.23 के एवरेज से 1223 रन बनाए हैं। हालांकि तीसरे वनडे में भी पांड्या को चौथे नंबर पर भेजा गया था और उस मैच में पांड्या ने 72 बॉलों पर 78 रनों की पारी खेली थी। अगर इन दोनों वनडे में पांड्या का प्रदर्शन देखा जाए तो पांड्या ने 112 बॉलों पर 119 रनों की पारी खेली है।

Created On :   29 Sep 2017 9:09 AM GMT

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