मध्यप्रदेश: खरपतवार से जल संरचनाओं को खतरा, नगरीय निकायों को सर्वे कर 15 दिन में डीपीआर भेजने के निर्देश

खरपतवार से जल संरचनाओं को खतरा, नगरीय निकायों को सर्वे कर 15 दिन में डीपीआर भेजने के निर्देश
खरपतवार से जलीय संरचनाओं पर नकरात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसके दुष्प्रभाव से पानी में ऑक्सीजन की कमी के साथ ही जलीय जंतुओं एवं वनस्पति में लगातार गिरावट आ रही है। जैव विविधता की कमी से मानव स्वास्थ्य पर विपरित असर पड़ रहा है। पत्र में कहा गया है कि जलीय संरचनाओं में सर्वाधिक अतिक्रमण करने वाले मुख्य प्रजाति जल कुंभी, बेशरम बेल और गाजर घास प्रमुख है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र के शहरी क्षेत्रों की जल संरचनाओं में खरपतवार एक बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं। नगरीय प्रशासन विभाग ने नगरीय निकायों के सभी आयुक्त नगर निगम, मुख्य नगरपालिका अधिकारी और नगर परिषद को एक पत्र जारी किया गया है। आयुक्त नगरीय प्रशासन संकेत भोंडवे ने शहरी क्षेत्र की झील और तालाब में खरपतवार के सर्वेक्षण के लिए कहा है। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) 15 दिन के अंदर भेजने के लिये कहा गया है। इसके साथ ही खरपतवार हटाने की कार्यवाही होगी।

खरपतवार से जलीय संरचनाओं पर नकरात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसके दुष्प्रभाव से पानी में ऑक्सीजन की कमी के साथ ही जलीय जंतुओं एवं वनस्पति में लगातार गिरावट आ रही है। जैव विविधता की कमी से मानव स्वास्थ्य पर विपरित असर पड़ रहा है। पत्र में कहा गया है कि जलीय संरचनाओं में सर्वाधिक अतिक्रमण करने वाले मुख्य प्रजाति जल कुंभी, बेशरम बेल और गाजर घास प्रमुख है।

नगरीय एवं विकास संचालनालय ने जीआईएस तकनीक के माध्यम से प्रदेश की जल संरचनाओं में जल कुंभी द्वारा अतिक्रमित क्षेत्रों की पहचान की है। इसकी सूची संबंधित नगर निगमों, नगर पालिका और नगर परिषद को भेजी गई है। नगरीय निकायों को अपने क्षेत्र की समस्त वेटलैंड सर्वेक्षण करने के लिये कहा गया है।

Created On :   9 Oct 2025 1:45 PM IST

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