वीआईटी पर सदन में हंगामा: कटारे ने कहा, वीआईटी साउथ का केजीएफ है, मंत्री परमार ने कहा - ऐसी कार्रवाई करेंगे, जो आज तक किसी विवि पर नहीं हुई

कटारे ने कहा, वीआईटी साउथ का केजीएफ है, मंत्री परमार ने कहा - ऐसी कार्रवाई करेंगे, जो आज तक किसी विवि पर नहीं हुई
मप्र विधानसभा में मंगलवार को ध्यानाकर्षण के दौरान सीहोर स्थित वेल्यूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) पर हंगामा हो गया। उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे और विधायक दिनेश जैन, महेश परमार ने वीआईटी में बीते दिनों हुई घटना पर ध्यानाकर्षण लगाया।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र विधानसभा में मंगलवार को ध्यानाकर्षण के दौरान सीहोर स्थित वेल्यूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) पर हंगामा हो गया। उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे और विधायक दिनेश जैन, महेश परमार ने वीआईटी में बीते दिनों हुई घटना पर ध्यानाकर्षण लगाया। कटारे ने कहा कि वीआईटी साउथ का केजीएफ है। वीआईटी को लेकर विधायक महेश परमार ने हनुमान चालीसा के पाठ करने वाले छात्रों को सजा देने के मामले में कार्रवाई की मांग की। कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए वीआईटी में प्रशासक नियुक्त किया जाए। उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह किया कि इस मामले में विधायकों की भी एक कमेटी गठित की जाए। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसका उद्देश्य ही यह है कि राज्य सरकार आवश्यक होने पर विश्वविद्यालय को अपने नियंत्रण में लेकर कठोर कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि अब तक किसी विश्वविद्यालय के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई नहीं हुई होगी, जैसी इस मामले में की जाएगी।

शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज क्यों नहीं किया

कटारे ने वीआईटी में हुई हिंसा को छोटा जेन-जी आंदोलन बताया। उन्होंने कहा कि हनुमान जी का नाम लेने पर छात्रों से जुर्माना वसूला जा रहा। जब सीएमएचओ को परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया, तो शासकीय कार्य में बाधा का मामला अब तक दर्ज क्यों नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अगर कलेक्टर और सीएमएचओ चाहें तो धार्मिक भावनाएं भड़काने और शासकीय कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में वीआईटी प्रबंधन पर केस दर्ज कर सकता है। विधायक दिनेश जैन ने भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया। मंत्री परमार ने बताया कि विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा है, इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। विधायक जैन ने मजिस्ट्रेट जांच की मांग भी की। उन्होंने छात्रों पर दर्ज केस वापस लेने की भी बात कही।

वीआईटी ने पहले भी गलत जानकारी सदन को दी

उप नेता प्रतिपक्ष ने वीआईटी यूनिवर्सिटी को साउथ का केजीएफ बताया। कटारे ने कहा छात्रों को यहां बंधुआ मजदूर की तरह रखा गया। वीआईटी एक किले की तरह बना हुआ है। प्रबंधन बांड भरवाता है, जिसमें छात्रों का जब चाहे यूरिन और ब्लड सैंपल ले सकता है। वीआईटी में मंत्री का हस्ताक्षेप नहीं है। वीआईटी में अंदर क्लीनिक बिना परमीशन के है। सीएमएचओ अंदर नहीं जा सकता, प्रशासन अंदर नहीं जा सकता। यह क्रिमिनल केस है। बजरंगबली का नाम लेने पर छात्रों पर कार्रवाई की गई। एबीवीपी, बजरंगदल ने सवाल उठाए थे। भोपाल के नाम पर सीहोर में वीआईटी चल रहा। मार्च, 2025 में विधायक जयवर्धन सिंह को गलत जवाब दिया, जिसमें वाइस चांसलर के अयोग्य होने का प्रश्न किया गया था। इस पर परमार ने कहा कि बहुत जगह के वीसी को लेकर शिकायतें आई थी, उन्हें 15 दिनों में पूर्ति करने के लिए कहा गया था। रेगुलर व्यक्ति को नियुक्त करने के लिए कहा गया था। मंत्री परमार ने स्वीकार किया कि लगातार शिकायतों की वजह से बच्चों में आक्रोश था। जांच समिति को वीआईटी में जाने में मुश्किले हुई। मानवीय दृष्टिकोंण से व्यवस्था नहीं थी। इस पर मंत्री ने कहा कि वीआईटी पर ऐसी कार्रवाई की जाएगी, जिससे अन्य विश्वविद्यालयों को भी समझ में आ जाएगा कि किसी पर भी कार्रवाई हो सकती है। छात्रों पर दर्ज एफआईआर जांच में है, पेंडिंग में है। उन्होंने कहा ऐसा प्रावधान किया जाएगा, जिससे छात्रावास चलाने वाले की जानकारी हो। मंत्री ने कहा कि 7 दिन का समय दिया है। इसके बाद सरकार अपने नियंत्रण में लेकर कार्रवाई करेगी।

अवैध भवनों-एनओसी की भी होगी जांच

अवैध बिल्डिंग, नगर निगम एनओसी सहित अन्य बिंदुओं पर कमेटी बनाकर जांच की जाएगी। शासकीय कार्य में बाधा को लेकर भी कलेक्टर को जांच के लिए कहा जाएगा। मंत्री परमार ने स्वीकार किया कि 25 नवंबर को घटना के बाद ही एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार और पुलिस के साथ भेजा गया था। स्टाफ और छात्रों के साथ चर्चा हुई। कॉलेज प्रबंधक प्रशांत कुमार पाण्डे पर मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया है। कॉलेज में तोड़फोड़ को भी विवेचना में लिया गया है। पुलिस अधीक्षक को आवश्यक रूप से दिशा निर्देश दिए गए हैं। परमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 छात्र और 19 छात्राओं को पीलिया हुआ था। तोड़फोड़ की वजह से न रहने की व्यवस्था के चलते 8 दिसंबर तक छात्रों को घर भेजा गया। उन्होंने बताया कि 18 में से 4 सैंपल दूषित पाए गए हैं। वितरण स्थल की जांच के निर्देश दिए गए हैं।

Created On :   4 Dec 2025 12:34 AM IST

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