म.प्र. में महिला सशक्तिकरण: 1 करोड़ की दी एमपी शासन ने सहायता राशि, शहीद की पत्नी रेखा सिंह बनीं लेफ्टिनेंट, पति के ही गलवान में हुई पोस्टिंग

1 करोड़ की दी एमपी शासन ने सहायता राशि, शहीद की पत्नी रेखा सिंह बनीं लेफ्टिनेंट, पति के ही गलवान में हुई पोस्टिंग
  • शहीद की पत्नी का जज्बा बना देश की महिलाओं के लिए मिसाल
  • रीवा की रहने वाली रेखा सिंह बनीं लेफ्टिनेंट
  • शहीद पति के ही गलवान में मिली पोस्टिंग

डिजिटल डेस्क, भोपाल। लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत माता की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए शहीद दीपक सिंह। उनकी पत्नी रेखा सिंह ने अपने साहस और हौसले का परिचय देते हेए भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने पति के अधूरे सपने को पूरा किया है। रेखा सिंह की ये उपलब्धि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरणा है। विवाह के मात्र 15 महीने बाद ही उन्होंने अपने पति को खो दिया था। शहीद दीपक सिंह को वीर चक्र से सम्मानित किया था। साथ ही मध्य प्रदेश शासन की तरफ से परिवार को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि दी थी। इसके साथ ही रेखा सिंह को शिक्षाकर्मी वर्ग-दो का पद मिला था।

शिक्षिका होने के साथ-साथ सेना में जाने का था सपना

रेखा सिंह विवाह के पहले जवाहर नवोदय विद्यालय सरिमौर में शिक्षिका थीं। उनको पति की प्रेरणा से सेना में जाना था। पति के शहादत के बाद उन्होंने इस सपने को प्रेरणा बनाया। कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए पहले अटैंप्ट में सफलता नहीं मिली। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे अटैंप्ट में क्लियर कर लिया। उनका चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ था। चेन्नई में एक साल की ट्रेनिंग पूरे करने के बाद उन्होंने सेना में अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी थीं। संयोग ऐसा हुआ कि, उनकी पोस्टिंग उस ही एरिया में हुई जहां पर उनके पति देश की रक्षआ करते हुए शहीद हो गए थे।

रेखा सिंह का क्या है कहना?

रेखा सिंह का कहना है कि, मेरी ये सफलता इस क्षेत्र में आने का सपना देखने वाली हर एक नारीशक्ति को प्रेरणा देगी। उन्होंने बताया कि, मैंने अपनी बहनों की हौसलाफजाई के लिए भी सेना ज्वॉइन की है। इससे समाज में फैली रुढ़िवादिता को तोड़ने में भी मदद मिलेगी।

Created On :   30 May 2025 6:14 PM IST

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