40 पाठ्यक्रमों के लिए जाति वैधता प्रमाणपत्र जरूरी : पवार

Caste validity certificate required for 40 courses: Pawar
40 पाठ्यक्रमों के लिए जाति वैधता प्रमाणपत्र जरूरी : पवार
नागपुर 40 पाठ्यक्रमों के लिए जाति वैधता प्रमाणपत्र जरूरी : पवार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जाति वैधता प्रमाणपत्र समिति के सामने फर्जी दस्तावेज पेश नहीं करने चाहिए। यह प्रक्रिया क्लिष्ट है आैर उम्मीदवार के मन में शंका रहती है। कई बार उम्मीदवार  लालच का शिकार होकर सही जानकारी की बजाय फर्जी दस्तावेज  पेश करता है। समिति जाति प्रमाणपत्र अवैध घोषित करती है। यह बात जिला जाति वैधता समिति के उपायुक्त तथा सदस्य सुरेंद्र पवार ने कही।

आजादी के अमृत महोत्सव पर ऑनलाइन कार्यक्रम ‘वेबचर्चा संवाद’ में ‘जाति वैधता की आवश्यकता व उसके लिए पूर्व तैयारी’ विषय पर वे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बारहवीं के बाद  व्यावसायिक पाठ्यक्रम में  विद्यार्थी को जाति वैधता करना  आवश्यक है। विज्ञान शाखा के अलावा वैद्यकीय, अभियांत्रिकी, आर्किटेक, बैचलर ऑफ फाईन आर्ट, एलएलबी समेत कुल 40 पाठ्यक्रमों के लिए  जाति वैधता प्रमाणपत्र जरूरी है। 

कब जरूरी: बारहवीं में पढ़ते समय प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है। नौकरी लगने या चुनाव जीतने के बाद  6 महीने से एक साल के बीच में जाति वैधता प्रमाणपत्र लेना जरूरी है।  ग्रामपंचायत, नगरपरिषद, नगरपंचायत, महानगरपालिका में आरक्षित जगह से निर्वाचित उम्मीदवार को छह महीने में जाति वैधता प्रमाणपत्र संबंधितों को पेश करना जरूरी है। अनुसूचित जाति के लिए 1950 के पहले का दस्तावेज व  आेबीसी आैर विशेष मागास प्रवर्ग के लिए 1967 के पहले का दस्तावेज, भटकी व विमुक्त प्रवर्ग के लिए 1961 का दस्तावेज आवश्यक है।  चौथी क्लास का प्रमाणपत्र होना चाहिए।  राजस्वसंबंधी दस्तावेज भी वैध है। विद्यार्थी 30 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 17 नवंबर 2017 के जीआर के अनुसार रक्त संबंध जैसे पिता, काका की जाति वैधता हुई है, तो उस आधार पर  बेटे को जाति वैधता प्रमाणपत्र दिया जाता है।
 

Created On :   29 July 2022 12:01 PM IST

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