वेब सीरीज में अश्लीलता को रोकने के लिए सेंसरशिप की मांग, IT-IB मिनिस्ट्री समेत अन्य को नोटिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंटरनेट पर प्रसारित वेब सीरीज में दिखाए जाने वाले हिंसक और अश्लील दृश्यों पर सेंसरशिप की मांग करती एक जनहित याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में दायर की गई। इस मामले में शुक्रवार को याचिकाकर्ता का पक्ष सुन कर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय, आईटी मिनिस्ट्री गृह विभाग,नागपुर पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर 31 अक्टूबर तक जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता वकील दिव्या गोंतिया के अनुसार इंटरनेट के प्रसार के बाद वेब सीरीज लोगों में खासकर युवाओं के बीच खासी लोकप्रिय है। लेकिन टीवी या सिनेमा हॉल में प्रदर्शित प्रोग्राम और फिल्मों की तरह इन वेब सीरीज पर सेंसर बोर्ड का नियंत्रण नहीं होता। यही कारण है कि इनके कंटेट में कई प्रकार के हिंसक, आक्रामक और अश्लील दृश्यों की भरमार होती है। इनके निर्माता जान-बूझ कर अपनी व्यूवरशिप बढ़ाने के लिए इस तरह के दृश्यों का अनावश्यक प्रयोग करते हैं। यहां तक कि 18 वर्ष से कम आयुवाले व्यूवर्स के लिए कोई चेतावनी भी नहीं होती। इन दृश्यों में महिलाओं और वर्ग विशेष को नकारात्मक छवि में दर्शाया जाता है। भद्दी गालियों से लेकर तो डायलॉग्स से भरे इनके कंटेंट के कारण व्यूवर्स की मानसिकता पर विपरीत असर पड़ता है।
अश्लीलता पर लगाम कसना जरूरी
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से प्रार्थना की है कि वे इनके हिंसक और अश्लील कंटेट पर लगाम लगाने के आदेश जारी करें। वेब सीरीज को भी टीवी चैनल, प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की ही तरह सेेंसर बोर्ड, ब्रॉडकास्टिंग कोड या प्रेस काउंसिल कोड जैसे किन्हीं दिशा-निर्देशों के दायरे में लाया जाए। इसी तरह वेब सीरीज का प्रॉडक्शन करने वाले प्रॉडक्शन हाउसेस के लिए लाइसेंस सिस्टम लागू किया जाए। मामले में सूचना व प्रसारण मंत्रालय, गृह विभाग और कानून व न्याय विभाग को जरूरी दिशा-निर्देश लागू करने के आदेश जारी करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की गई है। वेब सीरीज पर कई बार इतने भद्दे कमेंट्स होते हैं कि किसी के सामने यदि इसे ओपन कर दिया जाए तो शर्म आएगी।
Created On :   5 Oct 2018 3:19 PM IST