देवास मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है!

देवास मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है!
देवास मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है!

डिजिटल डेस्क | देवास मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि तम्बाकू के सेवन से होने वाले शारीरिक एवं मानसिक दुष्प्रभावों के प्रति आमजन को जागरूक करने एवं तम्बाकू के सेवन से रोकथाम हेतु संबंधित नीतियों का सख्ती से पालन हो। कलेक्टर श्री चंद्रमौली शुक्ला के निर्देशानुसार देवास जिले में 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं, छात्र-छात्राओं एवं जनसमान्य में तम्बाकू सेवन, धूम्रपान सेवन की बढती प्रवृत्ति को रोकने के लिये तम्बाकू, बीडी, सिगरेट के दुष्परिणामों से अवगत कराना है, ताकि युवाओं एवं जनसमान्य को कैंसर, टीबी, हृदयघात आदि बीमारियों से बचाया जा सके।

साथ ही तम्बाकू एवं धूम्रपान के सेवन की रोकथाम हेतु जनजागृति का वातावरण बनाया जाकरए तम्बाकू उत्पादों के सेवन से बचने का संदेश दिया गया। तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर दृष्य श्राव्य माध्यमों द्वारा तम्बाकू के बने उत्पादों के दृष्परिणामों से युवाओं व समाज को अवगत कराने हेतु दिवस की महत्ता पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये जागरूक करने की कार्यवाही की गई । जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन डॉ विजयकुमार सिंह, आरएमओ डॉ गोपाल कटारे एवं स्टाफ द्वारा शपथ ली गई कि धुम्रपान नहीं करेंगे एवं अन्य लोगों भी धुम्रपान नहीं करने की लिए प्रेरित करेंगे। जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ के द्वारा ग्रामीणजनों को तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी एवं होने वाली बीमारियों से बचने के लिए तंबाकू का सेवन नहीं करने की शपथ दिलाई।

डॉ गोपाल कटारे राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी ने बताया कि तम्बाकू के उपयोग से लोगों के फेफड़े प्रभावित होते है एवं अन्य बीमारियां भी होती है, जैसे. फेफड़ों का कैंसरए श्वसन तंत्र की बीमारी, गर्भावस्था के समय धूम्रपान अथवा धूम्ररहित तम्बाकू के सेवन से शिशु को होने वाले दुष्प्रभाव, अस्थमा, निमोनिया ब्रोन्काइटिस, बार-बार श्वसन तंत्र का संक्रमण एवं क्षयरोग इत्यादि। इसके सेवन से हृदय और रक्त संबंधी बीमारियाँ, पुरूषों में नपुंसकता और महिलाओं में प्रजनन क्षमता में कमी आना, बांझपन जैसी समस्याएँ भी उत्पन्न होती है। बीमारियों की रोकथाम एवं इलाज में होने वाले खर्चे में से अधिकांश राशि तम्बाकू सेवन के कारण होने वाली बीमारियों के इलाज में खर्च होती है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार धूम्रपान करने वालों को कोरोना से संक्रमित होने की अधिक संभावना है। सिगरेट, बीड़ी एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद का सेवन करने से कोरोना वायरस व्यक्ति के हाथ से मुंह तक एवं फिर शरीर में प्रवेश कर सकता है।

धूमपान करने वालों को पहले से ही फेफड़े की बीमारी हो सकती है या फेफड़ों की क्षमता कम हो सकती है जिससे गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही धूमपान न करने वालों के मुकाबले धूमपान करने वालों को बीमारी की चपेट में आने पर सघन चिकित्सा और वेंटिलेटर की जरूरत कहीं अधिक होती है। आज हम ऐसी परिस्थिति में हैए जहाँ कोरोना संक्रमण के साथ तम्बाकू उत्पादों का सेवन भी बढ़ता जा रहा है। यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य धूमपान या अन्य तम्बाकू उत्पाद का सेवन छोड़ना चाहता है तो वह कुछ सुझाव को अपनाकर आसानी से तम्बाकू सेवन छोड़ सकता है जैसे.तम्बाकू छोड़ने के लिए कुछ सुझाव तम्बाकू सेवन की आदत छोड़ने तम्बाकू युक्त सारी वस्तुएँ अपने पास से हटाए उन जगहों और लोगों से दूर रहें, जो तम्बाकू की तलब की याद दिलाएं।

उदाहरण के लियेए बीड़ी या सप्ताह में तम्बाकू रहित एक दिन की शुरुआत तम्बाकू की दुकान को देखने से बचें धूम्रपान या तम्बाकू खाते हुए देखने से बचें। अपने रोजाना के कार्यक्रम में बदलाव लाएं और अपना इरादा पक्का रखें। धूम्रपान या तम्बाकू सेवन छोडने की तारीख निर्धारित करेंए एवं उस तारीख पर अडिग रहें। तारीख के बाद बीड़ी, सिगरेट, गुटका या किसी के तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करेगें, अपने पास सौंफ, मिश्री, लौंग या इलायचली रखें। पौष्टिक भोजन लें, प्रसन्नचित रहें एवं पूरी नींद ले अपना ध्यान किसी दूसरी ओर लगाएं।

Created On :   1 Jun 2021 10:08 AM GMT

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