Independence Day 2025: 79 वां आजादी महोत्सव, जातिगत मानसिकता वाली खाकी की बर्बरता कब जाएंगी?

- मध्यप्रदेश के देवास में खाकी को शर्मसार करने वाली घटना
- दलित युवकों को बेरहमी से पीटा, बसपा ने बीजेपी सरकार से कार्रवाई की मांग की
- दिल्ली में हुई थी ऋषिपाल बाल्मीकि की पिटाई से मौत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज पूरा देश 79 वां आजादी के महोत्सव का दिवस मना रहा है। इस दिन समाज, देश की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों का विशेष सम्मान किया जाता है। लेकिन कुछ दिन पहले ही देश के दिल में बसे मध्यप्रदेश के देवास में पुलिस की ऐसी बर्बरता वाली घटना सामने आई, जिसने खाकी को शर्मसार किया , साथ ही कठघरे में खड़ा कर दिया। जो खाकी सम्मान का हकदार बनती है, वो खाकी सवालों के घेरे में आ जाती है। कुछ दिन पहले ही रक्षाबंधन के मौके पर मध्यप्रदेश पुलिस का सुरक्षा का खाकी धागा वाली राखी चर्चा में रही थी।
मध्यप्रदेश की देवास पुलिस ने जाति के नाम पर तीन युवकों को बेरहमी से पीटा, इतना पीटा कि पुलिस वालों की रुंह तक ना कांपी। कई नेताओं ने इसका विरोध किया। वीडियो भी शेयर किए। और न्याय की मांग की। लेकिन न्याय की नौबत ही क्यों आती है। क्या हमारी पुलिस आजादी के इतने दशकों बाद भी जातिगत मानसिकता की सोच में डूबी है। पुलिस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर मारपीट करने और नाखून तोड़ने के आरोप हैं। कई नेताओं ने तो इसे पुलिस की गुंडागर्दी तक करार दिया। सेवा और सुरक्षा की ड्युटी में रक्षक के रूप में तैयार ये खाकी ही भक्षक बन रही है।
कई राजनीतिक दलों का कहना है कि बिना ठोस सबूत के पुलिस ने तीनों दलित युवकों को गणेश और माता की मूर्तियां तोड़ने के आरोप में हिरासत में लिया, मारपीट की। पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर संदिग्ध मानकर इस तरह की मारपीट की जैसे ये युवक आतंकी हो। परिजनों के साथ साथ मानव समाज ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए है। साथ ही निष्पक्ष जांच की मांग की है। खबरों से मिली जानकारी के अनुसार जिन तीन युवकों के साथ अमानवीय पिटाई हुई है, वो अनुसूचित जाति वर्ग के बताए जा रहे है। इसे लेकर राज्यसभा सांसद इंजी रामजी गौतम ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार से दोषी पुलिस वालों पर कार्यवाही करने और दलित युवकों को न्याय दिलाये की बात कही है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है मध्य प्रदेश के देवास में तीन निर्दोष दलित युवकों रवि, रितेश.,रितेश सिनाम की थाने के अन्दर अमानवीय थर्ड डिग्री दी गयी, यहीं नहीं इन तीनों युवकों के नाखून तक निकाल दिये गये जैसे कोई आतंकवादी हों। इस तरह का टार्चर जुल्म को जबरन कबूल कराने के लिए करते हैँ ।
बीएसपी नेता व राज्यसभा सांसद ने आगे लिखा है कि आए दिन दलित युवकों पर इस तरह के जुल्म और ज्यादती पुरे देश में थानो में देखने को मिलती है। लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। इसी तरह की घटना दिल्ली के ज्योति नगर थाने में भी हुई जहाँ ऋषिपाल बाल्मीकि की पिटाई की वजह से मौत हो गयी थी।
Created On :   15 Aug 2025 3:03 PM IST