जबलपुर बनेगा रेडीमेड गारमेंट मेन्यूफैक्चरिंग हब (एक जिला-एक उत्पाद योजना) जबलपुर गारमेंट एण्ड फैशन डिजाइन क्लस्टर में स्थापित इकाइयों से वस्त्र निर्माण शुरू

जबलपुर बनेगा रेडीमेड गारमेंट मेन्यूफैक्चरिंग हब (एक जिला-एक उत्पाद योजना) जबलपुर गारमेंट एण्ड फैशन डिजाइन क्लस्टर में स्थापित इकाइयों से वस्त्र निर्माण शुरू
जबलपुर बनेगा रेडीमेड गारमेंट मेन्यूफैक्चरिंग हब (एक जिला-एक उत्पाद योजना) जबलपुर गारमेंट एण्ड फैशन डिजाइन क्लस्टर में स्थापित इकाइयों से वस्त्र निर्माण शुरू
जबलपुर बनेगा रेडीमेड गारमेंट मेन्यूफैक्चरिंग हब (एक जिला-एक उत्पाद योजना) जबलपुर गारमेंट एण्ड फैशन डिजाइन क्लस्टर में स्थापित इकाइयों से वस्त्र निर्माण शुरू

डिजिटल डेस्क | जबलपुर जबलपुर के रेडीमेड गारमेंट्स कारोबार की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग कर यहां के वस्त्र निर्माण व्यवसाय को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत जबलपुर गारमेंट एवं फैशन डिजाइन क्लस्टर के अंतर्गत रेडीमेड गारमेंट एण्ड होजरी मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को चयनित किया है। जबलपुर जिले में एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत तीन गतिविधियां चयनित की गई हैं। जिनमें पहली मटर प्र-संस्करण और दूसरी रेडीमेड गारमेंट एण्ड होजरी मैन्यूफैक्चरिंग से संबंधित गतिविधि शामिल है। जबकि तीसरी गतिविधि के रूप में आईटी सेक्टर को शामिल किया गया है। जबलपुर शहर में असंगठित स्वरूप में पिछले कई वर्षों से रेडीमेड गारमेंट निर्माण का व्यवसाय चल रहा है।

काफी हद तक यह कारोबार काफी बढ़ा भी है, लेकिन उन्नत प्रौद्योगिकी और संसाधनों के अभाव तथा आधुनिक स्वरूप में संगठित क्लस्टर की कमी की वजह से बाहर के व्यापारियों और कंपनियों को यहां के स्थानीय वस्त्र निर्माताओं के साथ संवाद में हिचकिचाहट महसूस हो रही थी। यहां के बिखरे हुए वस्त्र उद्योग को देखकर आर्डर देने में भी नामचीन कंपनियां आनाकानी करती थीं। जो कंपनियां यहां आती भी थीं तो वे उत्पाद का अपने हिसाब से मूल्य निर्धारण करती थीं। यहां के वस्त्र निर्माताओं की इसी तरह की समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर जबलपुर में 60 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से गोहलपुर के लेमागार्डन में करीब 8 एकड़ क्षेत्र में जबलपुर गारमेंट एवं फैशन डिजाइन क्लस्टर विकसित किया जा रहा है।

क्लस्टर में गारमेंट मेकिंग इकाईयों को सभी तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। जिनमें करीब सवा करोड़ रुपये की लागत से बना कॉमन फेसिलिटी सेंटर और करीब 5 करोड़ 17 लाख रुपये की लागत से निर्मित डाईंग प्रिंटिंग और वाशिंग प्लांट की विश्वस्तरीय सुविधा शामिल है। कॉमन फेसिलिटी सेंटर रेडीमेड गारमेंट व्यवसाय में फायदेमंद साबित होगा। यहां से वस्त्र निर्माण, तकनीक, प्रशिक्षण और फिनिशिंग की जानकारी मिलेगी। वहीं डाइंग एवं वाशिंग प्लांट विशेषकर जींस के रंगाई व धुलाई की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा। हालांकि कई अन्य निर्माण कार्य अभी भी प्रगति पर है। जिनके शीघ्र ही पूरा होने की संभावना है। दरअसल कलेक्टर कर्मवीर शर्मा मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरुप जबलपुर को रेडीमेड गारमेंट हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं ताकि स्थानीय स्तर पर कारोबार और रोजगार की संभावनाओं और अवसरों में वृद्धि की जा सके।

कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि इस क्लस्टर में करीब 200 इकाईयां स्थापित की जायेंगी। इसके माध्यम से करीब 35 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इस क्लस्टर के 31 मार्च 2021 तक पूर्ण होने की संभावना है। महाप्रबंधक उद्योग एवं व्यापार देवव्रत मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में क्लस्टर में स्थापित हो चुकी 80 इकाईयों ने वस्त्र निर्माण शुरू भी कर दिया है। यहां अभी सलवार सूट, शर्ट, ट्राउजर, कुर्ता-पायजामा, लोअर, कुर्ती, वेडिंग सूट, स्कूल ड्रेस, लैगिंग्स और जीन्स के पैंट-शर्ट बनाये जा रहे हैं। यह देखकर प्रतीत होने लगा है कि जबलपुर में बड़ी तेजी से रेडीमेड गारमेंट का बड़ा बाजार विकसित हो रहा है। यहां के उद्यमियों को बेहतर मार्केट मुहैया कराने की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा 14 जनवरी 2021 को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कार्यशाला का आयोजन कराया गया।

जिसमें भारत सरकार के एमएसएमई विभाग एवं विदेश व्यापार विभाग के विषय विशेषज्ञों ने न केवल व्यापार के गुर बताये, बल्कि ब्रांडिंग एवं निर्यात सुविधाओं के संबंध में भी वस्त्र निर्माताओं का मार्गदर्शन किया। वर्तमान में जबलपुर गारमेंट एण्ड फैशन डिजाइन क्लस्टर में तैयार कपड़े मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों सहित महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा सहित अन्य राज्यों में लोगों द्वारा काफी पसंद किये जा रहे हैं। बड़े शहरों की बात की जाय तो चेन्नई, हैदराबाद, बंगलौर और नागपुर, मुंबई जैसे शहरों में यहां के बने रेडीमेड कपड़ों की खासी मांग है। तकरीबन 50 वस्त्र निर्माण इकाईयां तो ई-कामर्स के द्वारा मार्केटिंग कर रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा शत-प्रतिशत ई-कामर्स प्लेटफार्म के लिए प्रयास जारी है।

Created On :   8 March 2021 8:59 AM GMT

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