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PLI: भारत में iPhone बनाने के लिए इन देसी-विदेशी कंपनियों ने किया आवेदन, 5 साल में बनाएंगी 11 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल फोन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकन कंपनी एप्पल (Apple) के स्मार्टफोन आईफोन (iPhone) की भारत में मैन्युफैक्चरिंग को लेकर कई कंपनियों ने आवेदन किया है। पीएलआई लाभ लेने के लिए जिन कंपनियों ने आवेदन किया है उसमें सैमसंग (Samsung), फॉक्सकॉन (Foxconn) होन हाई (Honn High), राइजिंग स्टार (Rising Star), विस्ट्रॉन (Wistron) और पेगाट्रॉन (Pegatron) शामिल हैं। बता दें कि फॉक्सकॉन होन हाई, राइजिंग स्टार, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन iPhone की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स हैं। बात करें पेगाट्रॉन की तो यह ताइवानी कंपनी भारत की नई निवेशक है। वहीं एपल और सैमसंग की ग्लोबल मोबाइल फोन सेल्स रेवेन्यू में करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी है।
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इन कंपनियों ने भी किया आवेदन
इस योजना के तहत आवेदन करने वाली भारतीय कंपनियों में लावा, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, माइक्रोमैक्ट तथा पैजट इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। योजना के तहत लावा का अगले पांच साल में 800 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना है।
मिलेगा रोजगार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्कीम के तहत प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (पीएलआई) का लाभ लेने के लिए कंपनियों ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी के पास प्रस्ताव जमा किया है। प्रस्ताव के मुताबिक, इससे 12 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसमें 3 लाख प्रत्यक्ष और 9 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार शामिल होंगे।
मोबाइल और डिवाइस का निर्माण
एपल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स समेत Samsung (सैमसंग), Lava (लावा) and Dixon (डिक्सन) जैसी कंपनियां अगले पांच साल में देश में 11 लाख करोड़ रुपए की मोबाइल डिवाइस और इसके उपकरण बनाएंगी। इन मोबाइल और डिवाइस का निर्माण सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाली नई स्कीम के तहत किया जाएगा।
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मोबाइल हैंडसेटों का प्रोडक्शन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,‘‘इन प्रस्तावों के तहत अगले पांच साल में 15,000 रुपए से अधिक कीमत के करीब नौ लाख करोड़ रुपए के मोबाइल हैंडसेटों का प्रोडक्शन किया जाएगा। वहीं 15,000 रुपए से कम कीमत के दो लाख करोड़ रुपए के मोबाइल हैंडसेटों का प्रोडक्शन होगा। इस प्रस्तावित उत्पादन कैपेसिटी में करीब 7 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल फोन का निर्यात होने का अनुमान है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।