RSS का शताब्दी समारोह: पीएम मोदी ने संघ के सौ साल पूरे होने पर विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्का किया जारी

पीएम मोदी ने संघ के सौ साल पूरे होने पर विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्का किया जारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह में संघ की 100 वर्ष की इस गौरवमयी यात्रा की स्मृति में आज भारत सरकार ने विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्के जारी किए हैं। 100 रुपए के सिक्के पर एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह है और दूसरी ओर सिंह के साथ वरद-मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि है। आपको बता दें आज आरएसएस स्थापना के सौ साल पूरे हो गए है। संघ के इस शताब्दी समारोह में पीएम मोदी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह के अवसर पर राष्ट्र के प्रति उसके योगदान को दर्शाने वाला एक विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ये हमारी पीढ़ी के स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमें संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने को मिल रहा है। मैं आज इस अवसर पर राष्ट्र सेवा को समर्पित कोटि-कोटि स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं देता हूं, अभिनंदन करता हूं। संघ के संस्थापक, हम सभी के आदर्श परम पूज्य डॉ. हेडगेवार जी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा राष्ट्र साधना की इस यात्रा में ऐसा नहीं है कि संघ पर हमले नहीं हुए, संघ के खिलाफ साजिशें नहीं हुईं। हमने देखा है कि कैसे आजादी के बाद संघ को कुचलने का प्रयास हुआ। मुख्यधारा में आने से रोकने के अनगिनत षड्यंत्र हुए। परमपूज्य गुरुजी को झूठे केस में फंसाया गया, उन्हें जेल तक भेज दिया गया। लेकिन जब पूज्य गुरुजी जेल से बाहर आए तो उन्होंने सहज रूप से कहा और शायद इतिहास में सहज भाव एक बहुत बड़ी प्रेरणा है। उन्होंने सहजता से कहा था कि कभी-कभी जीभ दांतों के नीचे आकर दब जाती है, कुचल भी जाती है, लेकिन हम दांत नहीं तोड़ देते हैं, क्योंकि दांत भी हमारे हैं और जीभ भी हमारी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा राष्ट्र निर्माण का महान उद्देश्य। व्यक्ति निर्माण का स्पष्ट पथ। शाखा जैसी सरल, जीवंत कार्यपद्धति। यही संघ की सौ वर्षों की यात्रा का आधार बने। संघ ने कितने ही बलिदान दिये। लेकिन भाव एक ही रहा -राष्ट्र प्रथम लक्ष्य एक ही रहा -'एक भारत, श्रेष्ठ भारत'

पीएम ने कहा संघ के बारे में कहा जाता है कि इसमें सामान्य लोग मिलकर असामान्य और अभूतपूर्व कार्य करते हैं। व्यक्ति निर्माण की ये सुंदर प्रक्रिया हम आज भी संघ की शाखाओं में देखते हैं। संघ शाखा का मैदान एक ऐसी प्रेरणा भूमि है, जहां स्वयंसेवक की अहं से वयं तक की यात्रा शुरु होती है। संघ की शाखाएं व्यक्ति निर्माण की यज्ञ वेदी है।

प्रधानमंत्री ने कहा, जिस तरह विशाल नदियों के किनारे मानव सभ्यताएं पनपती हैं, उसी तरह संघ के किनारे भी और संघ की धारा में भी सैकड़ों जीवन पुष्पित, पल्लवित हुए हैं. अपने गठन के बाद से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विराट उद्देश्य लेकर चला। ये उद्देश्य रहा- राष्ट्र निर्माण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "1963 में RSS के स्वयंसेवक भी 26 जनवरी की परेड में शामिल हुए थे। उन्होंने बहुत आन-बान-शान से राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया था, संघ के स्वयंसेवक जो अनवरत रूप से देश की सेवा में जुटे हैं, समाज को सशक्त कर रहे हैं। इसकी भी झलक इस डाक टिकट में है। मैं इन स्मृति सिक्कों और डाक टिकट के लिए देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

Created On :   1 Oct 2025 12:50 PM IST

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