कुछ हटके : यहां लड़कों की उठती हैं डोलियां, एक से ज्यादा शादी कर सकती हैं महिलाएं

Ajab Gajab :  Here, the girls husbands live with their in-laws
कुछ हटके : यहां लड़कों की उठती हैं डोलियां, एक से ज्यादा शादी कर सकती हैं महिलाएं
कुछ हटके : यहां लड़कों की उठती हैं डोलियां, एक से ज्यादा शादी कर सकती हैं महिलाएं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूं तो भारत में पाए जाने वाली सभी समुदायों में शादी के बाद लड़की को ही अपना घर छोड़कर पति के घर जाना होता है, लेकिन उत्तर-पूर्व के कुछ राज्यों में एक जनजाति ऐसी भी है, जहां इसके ठीक उलट होता है। दरअसल, असम और मेघालय राज्य में खासी नाम की एक जनजाति पायी जाती है, जहां नारी को पुरुष की अपेक्षा अधिक दर्जा प्राप्त होता है। यहां महिलाओं को वे सब अधिकार होते हैं जो बाकी जनजातियों और समुदायों में पुरुषों को दिए जाते हैं। यहां तक की जन्म के साथ ही यहां लड़की ही संपत्ति की वारिस होती है। कुल मिलाकर कहा जाए तो यहां महिला-पुरुष का रहन-सहन देश के बाकी भागों से ठीक उलट है।

खासी जनजाती, भारत के असम, मेघालय के साथ-साथ बांग्लादेश के कुछ क्षेत्रों में भी निवास करती है। इस समुदाय को खासी या खासिया नाम से भी जाना जाता है। इस जनजाति की खास बात यह है कि यहां पर लड़कों को नहीं बल्कि लड़कियों को ऊंचा स्थान दिया जाता है। लड़कियों के जन्म पर जश्र मनाया जाता है और यहां लड़कियां शादी के बाद अपने मां-बाप के घर ही रहती हैं, और शादी के बाद लड़कियों के पति लड़कियों के घर, घरजमाई बनकर रहते हैं। इसके साथ ही इस जनजाति की महिलांए कई पुरुषों से शादी भी कर सकती हैं।

हालांकि अब जिस तरह देश में महिलाएं समाज में अपनी स्थिति और दर्जे के लिए संघर्ष करती हैं और मांगे करती है, ठीक उसी तरह यहां भी अब पुरुष बदलाव की मांग कर रहे हैं। यहां के पुरुषों का कहना है कि उन्हें अब इस प्रथा में बदलाव चाहिए है, वो भी बराबरी का हक चाहते हैं। हालांकि उनका ये भी कहना है कि वे इस मांग के जरिये महिलाओं को किसी प्रकार से नीचे नहीं दिखाना चाहते।

आपको बता दें कि इस जानजाति की महिलाएं ही परिवार के तमाम फैसले भी लेती हैं। यहां की एक और खास प्रथा है जिसमें घर की सारी संपत्ती घर की बड़ी बेटी को नहीं बल्कि छोटी बेटी को मिलती है। इसके पीछे का कारण यह है कि उसे ही आगे चलकर माता पिता की देखभाल करनी होती है। छोटी बेटी को खातडुह कहा जाता है।

इस जाति के लोगों में शादी को लेकर कोई खास रस्में नहीं होती हैं। लड़की और मां-बाप की सहमति होने पर युवक ससुराल आना- जाना शुरु कर देता है और संतान होते ही वह स्थाई रुप से वहीं रहने लगता है। संबंधविच्छेद भी अक्सर सफलतापूर्वक होते रहते हैं। संतान पर पिता का कोई हक नहीं होता। यहां करीब 10 लाख लोगों का वंश महिलाओं के आधार पर चलता है। यहां तक कि किसी घर में अगर बेटी नहीं है तो उसे एक बच्ची को गोद लेना पड़ता है, ताकि वह वारिस बन सके।

 

Created On :   28 Dec 2018 1:54 PM IST

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