मोजाम्बिक का राष्ट्रीय झंडा दुनिया का इकलौता ऐसा झंडा है, जिसमें आपको AK-47 देखने को मिलेगी। ऐसा माना जाता है कि झंडे में मौजूद AK-47 रक्षा और सतर्कता को दर्शाती है।
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दैनिक भास्कर हिंदी: दुनिया के इन देशों के हैं अजीबो-गरीब झंडे
डिजिटल डेस्क । झंडा बहुत सी चीजों का प्रतीक होता है। शांति, जंग, बंटवारा, अधिकार, धर्म, नियम और राज को झंडा दर्शाता है। इसलिए हर देश और धर्म का अपना एक झंडा है। झंडे पर बने चिन्ह या लिखा हुआ मैसेज कुछ ना कुछ कहता है। जैसे 'तिरंगे' में केसरिया रंग साहस और बलिदान, सफेद रंग सच्चाई, शांति और पवित्रता और हरा रंग संपन्नता का प्रतीक होता है। इनके अलावा 'तिरंगे' के बीच में मौजूद अशोक चक्र नेकी और धर्म को दर्शाता है। जिसका अर्थ उस देश या धर्म के बारे में बताता है, लेकिन दुनिया में कुछ झंडे ऐसे भी हैं जिन्हें देख कर अच्छे-अच्छों को चक्कर आ जाएं। आइए जानते है उन अजीबोगरीब झंडों के बारे में...


एंटवर्प, बेल्जियम का एक शहर है, जिसका झंडा दुनिया के सबसे अजीबोगरीब झंडों में से गिना जाता है। इस झंडे में 4 लाइंस और 6 कॉलम्स में 24 बॉक्सेस मौजूद हैं।

नेपाल का झंडा दुनिया का इकलौता ऐसा झंडा है जो आयताकार (Rectangular) नहीं है। इस वजह से इसे इस लिस्ट में शामिल किया गया है।

पहली नजर में रोमांटिक वॉलपेपर की तरह नजर आ रहा ये झंडा फ्रीसलैंड का है। इसमें मौजूद हार्ट शेप आकृतियां दरअसल दिल नहीं बल्कि Yellow water lily की पत्तियां हैं।

उत्तरी कोकेशियान अमीरात का झंडा, ये इस्लामिक स्टेट 1919 से 1920 के दौरान अस्तित्व में हुआ करता था। इसका झंडा बिलकुल एक स्माइली के जैसा था।

बेनिन साम्राज्य का झंडा यह अजीबोगरीब झण्डा बेनिन साम्राज्य का था जो कि वेस्ट अफ्रीका में स्थित था। इस झंडे को लंदन के पास National Maritime Museum में रखा गया है।

यूनाइटेड स्टेट की टेरिटरी गुआम द्वारा इस झंडे को 9 फरवरी 1948 में अपनाया गया था। Guam का यह झंडा भी दूसरे झंडों से काफी हटकर है।

मेडिटेरेनियन के सबसे बड़े आइसलैंड सिसिली का झंडा भी अजीब है। इस झंडे में 3 पैर वाला इंसान बना हुआ है जो आइसलैंड के तीन कोनों को दर्शाता है।

स्वाजीलैंड द्वारा यह झंडा 6 अक्टूबर, 1968 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद अपनाया गया था। ये झंडा स्वाजीलैंड की मिलिट्री परम्पराओं को दर्शाता है।

बरमूडा का यह झंडा 4 अक्टूबर 1910 में बनाया गया था। इस झंडे में ब्रिटिश यूनियन और बरमूडा दोनों के निशान मौजूद हैं।

यूएस वर्जिन द्वीप United State की Unincorporated (असमावेशित) टेरिटरी में से एक है। इस झंडे में मौजूद बाज तीन तीर पकड़े हुए है, जो तीन बड़े आइसलैंड की तरफ इशारा करते हैं।

किर्गिज़स्तान की सुप्रीम काउंसिल द्वारा यह झंडा 3 मार्च 1992 में अपनाया गया था। इस झंडे के बीच में सूर्य जैसी आकृति मौजूद है।

उत्तरी मारियाना द्वीप समूह का यह झंडा 1985 में डिजाइन किया गया था।

यह झंडा समुद्री लुटेरों के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह का झंडा आपने हॉलीवुड फिल्म 'पाइरेट्स ऑफ द कैरिबियन' में भी देखा होगा।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।