अंधविश्वास : इस दो मुंहे सांप को खाने से आती है सुपर पॉवर

eating red sand boa snake gives supernatural powers smuggling of snakes
अंधविश्वास : इस दो मुंहे सांप को खाने से आती है सुपर पॉवर
अंधविश्वास : इस दो मुंहे सांप को खाने से आती है सुपर पॉवर

डिजिटल डेस्क, सतना। जिन कारणों से भारत दुनिया के अन्य देशों से अपनी अलग पहचान रखता है, उनमें से एक रेड सेंड बोआ सांप भी है। यह सांप समूची दुनिया में सिर्फ भारत तथा ईरान के कुछ हिस्सों में पाया जाता है।  मौजूदा समय में इस सांप को लेकर इतने अंधविश्वास फैल गए हैं कि लोग इसकी तस्करी करने पर आमादा हैं। यह कहा जाता है कि यह सांप मनुष्य के भीतर सुपर नेच्युरल पावर पैदा कर देता है। अलग-अलग देशों में इसकी अलग-अलग कहानियां प्रचलित हैं। बहरहाल विंध्य क्षेत्र में यह दो मुहे सांप के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष अकेले रीवा संभाग में 21 रेड सेंड बोआ सांपों को तस्करों के हाथ से छुड़ाकर जंगलों में छोड़े जाने के मामले प्रकाश में आए हैं। माना यह जाता है कि इससे कई गुना अधिक सांपों को तस्कर पकड़कर ठिकाने लगा चुके होंगे। बस्तियों और बीरान जंगलों में समान रूप से यह सांप देखने को मिल जाते हैं। यदि इनकी समुचित सुरक्षा न की गई तो आने वाले दिनों में यह विलुप्त भी हो सकते हैं।

कैसी-कैसी भ्रांतियां
दो मुहे सांप को लेकर कई देशों में और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में यह मान्यता है कि यह सांप मनुष्य के भीतर सुपर नेच्युरल पावर पैदा कर देता है। ऐसे व्यक्ति को भूत, भविष्य और वर्तमान की घटनाओं की जानकारी मिल जाती है। वह लोगों का भला-बुरा भी करने में सक्षम हो जाता है। यह भी सुनने को मिल जाता है कि इस सांप के माध्यम से तांत्रिक प्रयोग कर लोग धन, सम्पत्ति भी प्राप्त करते हैं। चीन और जापान जैसे देशों में यह धारणा है कि जो पुरुष इसके मांस का सेवन करता है वह आजीवन जवान रहता है। इन्हें लेकर कहानियां प्रचलित हैं कि लोग अपने घरों के भीतर सीसे के जार तक में इसे पालने से बाज नहीं आते। शर्मीले स्वभाव का सीधा-सादा यह सांप खुद को लेकर पैदा हो चुकी भ्रांतियों के कारण अपने अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ रहा है।

रेतीली मिट्टी में रहवास
छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़ों को खाने वाला यह सांप आमतौर पर मुलायम रेतीली मिट्टी में रहना पसंद करता है। चूहों द्वारा बनाई गई बिलों में अपना रहवास बनाता है। घरों के आसपास भी कई बार दिख जाता है। कुछ लोग तो इसे शुभ मानकर छोड़ देते हैं, जबकि कई बार सांप के नाम से ही लोग इसे बेरहमी से मार देते हैं। इसकी तस्करी करने वाले कई बार जांच एजेंसियों को बता चुके हैं कि विदेशों में इसका मूल्य करोड़ों रुपए में होता है। वजन के हिसाब से इसे लोग खरीदते हैं। मर्दाना ताकत बढ़ाने वाली दवाओं में भी इसके उपयोग की जानकारियां दी जाती हैं। विंध्य क्षेत्र के लगभग सभी जिलों में यह पाया जाता है। तस्करों के हाथ से छुड़ाने के मामले में साल भर के भीतर अकेले सतना जिले में 8 प्रकरण सामने आए हैं।

इनका कहना है
जिले में सेंड बोआ सांप हर जगह पाए जाते हैं, इसके संरक्षण को लेकर वन अमला गांवों में लोगों को जागरुक भी करता रहता है। यह पूरी कोशिश की जाती है कि किसी तरह से लोग इसे हानि न पहुंचाएं और न ही पकडकऱ कहीं ले जाएं।
राजीव मिश्र डीएफओ

 

Created On :   1 Dec 2018 8:34 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story