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Nagpur News: जनसुरक्षा विधेयक के विरोध में कांग्रेस और राकांपा ने किया प्रदर्शन, जमकर हुई नारेबाजी

- वेरायटी चौक पर की नारेबाजी
- 2 अक्टूबर को राज्य भर में प्रदर्शन का ऐलान
Nagpur News. महाराष्ट्र जनसुरक्षा विधेयक रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस व राकांपा शरद गुट के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। बुधवार को वेरायटी चौक पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने नारेबाजी की गई। कहा गया कि जनसुरक्षा कानून लोकतंत्र पर आघात करेगा। मूलभूत संवैधानिक अधिकार छीने जाएंगे। कांग्रेस व राकांपा के कार्यकर्ताओं ने हाथ में तख्ती लेकर सरकार के विरोध में नारे लगाए। लोकतंत्र की सुरक्षा का आवाहन किया गया। प्रदर्शन में कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे, विधानपरिषद सदस्य अभिजीत वंजारी, राकांपा के शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव अतुल कोटेचा, प्रदेश उपाध्यक्ष किशोर कन्हेरे, विशाल मुत्तेमवार, हैदर दोसानी, नंदा पराते, केतन ठाकरे, संजय महाकालकर, रमेश पुणेकर, दिनेश बानाबाकोडे, प्रशांत धवड, मिलिंद दुपारे, ईरशाद अली, तौसिफ अहमद, विवेक निकोसे प्रमुखता से शामिल थे। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे ने कहा कि जनसुरक्षा कानून को लेकर जनसामान्य में भय को वातावरण है। सामाजिक आंदोलनों से जुड़े कार्यकर्ताओं में बड़ा असंतोष है।
सामाजिक आंदोलनकारियों को विविध निराधार आरोपों में फंसा दिया जाएगा। जनसुरक्षा कानून सीधे तौर पर सामाजिक आंदोलनों पर दबाव लाने व हुकुमशाही को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि जनसुरक्षा विधेयक के विरोध में 2 अक्टूबर महात्मा गांधी की जयंती पर राज्य भर में प्रदर्शन किया जाएगा। राकांपा के शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे ने कहा कि सरकार दमनकारी नीति के माध्यम से लोकतंत्र पर लगातार आधार कर रही है। ऐसे में जनसुरक्षा कानून के माध्यम से वह सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपराधी दर्शाने व बनाने का काम करेगी। सरकार के विरोध में िलखने, बोलने व आंदोलन करनेवालों को जेल भेजा जाएगा। कानून का दुरुपयोग होगा। अंग्रेजों के राज में न्याय की बात करने व आंदोलन करनेवालों को यातनाएं मिलती थी। उसी तरह का कार्य नए कानून के माध्यम से किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन में आकाश तायवाड, लंकेश ऊके, डॉ.मनोहर तांबुलकर, महेश श्रीवास, अब्दुल नियाज नाजू,रिझवान अंसारी,अभिजीत ठाकरे,रवि पराते, अभय रणदिवे,राजेश साखरकर, मनीष चांदेकर,सदन यादव, रीमा चव्हाण, नंदा देशमुख,वंदना मेश्राम, किशोर उमाठे, संतोष सिंह,शिवशंकर रणदिवे सहित अन्य कार्यकर्ता थे।
अर्बन नक्सल का मामला
राज्य सरकार ने अर्बन नक्सल अर्थात शहरी नक्सलियों पर नियंत्रण के दावे के साथ नया कानून प्रस्तावित किया है। महाराष्ट्र विशेष जनसुरक्षा अधिनियम 2024 विधानमंडल में पारित किया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि शहर में नक्सलियों के सुरक्षित स्थल व अड्डों को समाप्त किया जाएगा। अर्बन नक्सल पर नियंत्रण रखा जाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विधानसभा में कह चुके है कि इस कानून से नागरिकों से आंदोलन का अधिकार नहीं छीना जाएगा। सरकार के विरोध में बोलने व लिखने पर पाबंदी नहीं रहेगी। नक्सलियों पर नियंत्रण के लिए पहले से कानून है लेकिन वह वर्तमान स्थिति में अपर्याप्त साबित हो रहा है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने राज्य सरकारों को नक्सल प्रतिबंध के संबंध में स्वतंत्र कानून बनाने को मंजूरी दी है।
Created On :   10 Sept 2025 7:58 PM IST