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- Laurent Simons Set To Become Youngest Person To Complete his graduation Degree
दैनिक भास्कर हिंदी: जिस उम्र में बच्चे नहीं समझते अपना अच्छा-बुरा, उस उम्र में यह बच्चा कर रहा ग्रेजुएशन डिग्री

डिजिटल डेस्क। जिस उम्र में बच्चों को अच्छे बूरे की समझ तक नहीं होती है, उस उम्र में एक बच्चा ग्रेजुएशन की डिग्री कर रहा है। दरअसल, बेल्जियम में एक 9 साल का बच्चा बेहद कम उम्र में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने जा रहा है। 9 साल का प्रतिभाशाली बच्चा लॉरेंट सिमंस आगामी दिसंबर में सबसे कम उम्र में अपनी ग्रेजुएशन डिग्री हासिल कर लेगा। लॉरेंट इस वक़्त एंधोवेन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कर रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉरेंट अगले माह मात्र नौ महीने में अपनी पढ़ाई पूरी कर लेंगे। लॉरेंट पढ़ने में शुरुआत से ही काफी तेज है। आइंस्टीन जैसे तेज दिमाग वाले लॉरेंट का आईक्यू स्तर 145 है। लॉरेंट को अभी से ही दुनिया की शीर्ष यूनिवर्सिटी अपने यहां आगे की पढ़ाई के लिए निमंत्रण भेज चुकी हैं।
लॉरेंट को उम्मीद है कि, वह एक दिन अंतरिक्ष यात्री या हार्ट सर्जन बनेंगे। लॉरेंटन इस काम को इसलिए चुनना चाहते है क्योंकि उनके दादा-दादी को हार्ट की समस्याएं हैं। लॉरेंट ने बताया कि वह आगे की पढ़ाई कैलिफोर्निया से करना चाहते हैं क्योंकि वहां का मौसम काफी सुहावना रहता है।
लॉरेंट के पिता एलेक्जेंडर सिमंस ने कहा कि यूके में ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे प्रमुख संस्थान हैं और यह हमारे लिए बहुत सुविधाजनक होगा। इसी के साथ उन्होंने बताया कि लॉरेंट कृत्रिम अंगों और रोबोटिक्स में पीएचडी करना चाहते हैं।
लॉरेंट की प्रतिभा देख उनकी तुलना अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से होती है। इसके साथ ही वह चार भाषाओं को बोल सकता है। लॉरेंट ने चार साल की उम्र में स्कूल जाना शुरू किया और अपनी पांच साल की पढ़ाई को मात्र 12 महीने में पूरा कर लिया।
लॉरेंट के शिक्षक ने उनकी प्रतिभा का आंकलन करते हुए कहा कि उन्होंने अपने इतने लंबे करियर में मिले सबसे बुद्धिमान छात्र की तुलना में यह तीन गुना अधिक होशियार है। उनकी इस अद्भभुत काबिलियत को पहली बार उसके दादा-दादी ने पहचाना था।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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