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- Mumbai: Father graduates with son, says ‘there is no age to study’
दैनिक भास्कर हिंदी: मुबंई : इसे कहते हैं पढ़ाई का जज्बा, पिता ने बेटे के साथ किया ग्रेजुएशन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। ये सच है पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती लेकिन अपने जवान बेटे के साथ एक साथ परीक्षा की तैयारी करना और परीक्षा देने के लिए साहस होना बड़ी बात है। अक्सर ये कहा जाता है कि कुछ सीखने या पढ़ने की कभी कोई उम्र नहीं होती और यह सही भी है। अगर आपके दिल में कुछ सीखने की लगन है, तो कोई चाह कर भी आपके इस जज्बे के बीच नहीं आ सकता। इतना ही कुछ लोग आर्थिक तंगी के चलते भी पढ़ाई नहीं कर पाते लेकिन अधिकतर लोग ऐसे भी होते है जो इस सब दौर से गुजरते हुए भी पढ़ाई के लिए अपनी लगन कम नहीं होने देते। आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति से रूबरू कर रहे हैं, जो एक टैक्सी ड्राइवर है। यह व्यक्ति मुबंई निवासी है, जो आज अखबारों की सुर्खियों में है।
दरअसल मुबंई के एक टैक्सी ड्राइवर ने अपने बेटे के साथ स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की है। इस टैक्सी ड्राइवर का नाम मोहम्मद फारूक शेख है। जिस उम्र में लोगों जीने के लिए दो वक्त की रोटी कमाने के लगे रहे है, वहीं मोहम्मद फारूक शेख ने अपमे काम के साथ ही स्नातक की उपाधि हासिल की है। उन्होंने यशवंतराव चव्हाण ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। अपनी इस कामयाबी पर फारूक शेख बेहद ही खुश है। मोहम्मद फारूक शेख ने कहा, "पढ़ाई करने की कोई उम्र नहीं है। मुझे खुशी है कि मैंने अपना स्नातक किया है। अध्ययन की ओर मेरा उत्साह बढ़ गया है। मुझे उम्मीद है कि मैं एमकॉम करूंगा।
उनके बेटे ने कहा," मैं खुश हूं। मैं उसकी कठिनाइयों को हल करने में मदद करता था और उसे सिखाता था। मैं नियमित क्लासेस लेता था, इसलिए मैं उन्हें रात में पढ़ाता था।
हालांकि यह कोई पहला मामला नही है कि उम्र की वजह से लोग पढ़ाई नही करते। देश में ऐसे कई लोग है, जिनमें 90 की उम्र में भी कुछ लोगों ने अपने पढ़ने का सपना पूरा किया है। हाल ही में केरल के अलप्पूझा जिले की रहने वाली 96 साल की कर्थयायनी अम्मा साक्षरता मिशन के तहत फोर्थ ग्रेड में एडमिशन ले रही हैं। उन्होंने 10वीं क्लास तक पढ़ने का फैसला किया है। उन्हें सबसे उम्रदराज स्टूडेंट माना जा रहा है। कर्थयायनी अम्मा के पिता पेशे से ट्यूटर थे। पर इसके बावजूद वो और उनकी बहन ने 12 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी थी।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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