भारत के इस आइलैंड पर जाना है खतरनाक, तीरों से होगा स्वागत
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। दुनिया में शायद ही ऐसा समुदाय बचा होगा जिसने कभी कोलोनाइज, उपनिवेश या उस जगह के खनिज अधिकारों का शोषण ना किया हों। सेंटिनेलिस (जिसे सेंटिनेली या नॉर्थ सेंटिनल आईलैंडर्स के नाम से भी जाना जाता है) भारत के अंडमान द्वीप समूह में उत्तर सेन्टिनल द्वीप के क्षेत्र के लोग हैं। ये बाहरी दुनिया के बारे मे कुछ नहीं जानते हैं, और इनके बारे में बाहरी दुनिया वालो को भी कुछ खास जानकारी नहीं है।
कई वर्षो से कर रहे है यहां राज
माना जाता है कि सेंटिनेलिस जनजाती अंडमान द्वीप पर लगभग 60,000 से अधिक वर्षों से बसी हुइ हैं। यहां के लोग शिकार करते है, पर्यावरन से खाने का समान इकट्टा करते हैं और मछली को पकड़ कर खाने मे विशवास रखते हैं। ये लोग पत्तों और लकड़ीयों से बने घरों में रहते हैं। तीर, धनुष और भाले जैसे हथीयारो से शिकार किया जाता है।
नही पहनते है कपड़े
सेंटिनेलिस जनजाती कपड़े नहीं पहनती हैं। वो अपने शरीर को पेड़ो की पत्तियों से सजाती है। बाकी लोगो के मुकाबले इनका कद कम होता है, इनकी त्वचा काले रंग की होती है, और इनके काले बाल दर्शाते है कि वे सदियों पहले अफ्रीका से यहां पर आए थे। जनवरी 1880 मे ब्रिटिशर्स ने जब तक इनके इलाके मे प्रवेश नहीं किया था तब तक यही माना जाता था कि यहा के लोग इनसानों को खाया करते हैं।
इनसे संपर्क करने के लिए चलाए गए अभियान
सेंटिनेलिस जनजाती से संपर्क करने के लिए कइ अभियान चलाए गए। भारतीय नौसेना यहां के लोगो के लिए कइ तोफे लें कर गई, लेकिन इनका स्वागत तीरों और भालों से किया गया। यहा तक कि वो लोग उनकी भाषा मे कुछ कहना चाह रहे थें लेकिन उनकि बातो को समइना मुशकिल था।
दोबारा किए गए कई प्रयास
1990 के बाद सेंटिनेलिस जनजाति ने नौकाओं को किनारे के करीब आने की अनुमति दे दी थी। इतना ही नहीं कई बार इनका स्वभाव मैत्रीपूर्ण रहा और विदेशीयो के उपहार भी स्वीकार किए। यह एक सफलता ही थी, लेकिन जनजाति ने विदेशीयो को लंबे समय तक रहने की अनुमति नहीं दी थी। 2006 में, दो मछुआरों इस द्विप के बहुत करीब आ गए थें। इसका परिणाम विनाशकारी रहा, उनकी मृत्यु हो गई, और जब वहां हेलीकॉप्टर को उनके शरीर को लाने के लिए भेजा गया उस वक्त लगातार तीरों से हेलीकॉप्टर पर अटेक किए गए।
इस वजह से विदेशीयो को नही आने देते
वो कहते हैं कि पहले कि विदेशी क्रूरता की वजह से वे किसी भी विदेशी को उनके क्षेत्र मे आने की अनुमति नहीं देतें।
Created On :   7 April 2018 2:07 PM IST