कोलंबस ने देखा था पहली बार, आखिर क्या है 'बरमूडा ट्राइएंगल' का रहस्य ? जानें...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बरमूडा ट्राइएंगल, एक ऐसी गुत्थी जो बरसों बाद भी नहीं सुलझ सकी। यहां आने वाले अब तक अनेक विमान गायब हो चुके हैं। कितने ही समंदर के बीच घिरे हुए अंधेरे और तेज तूफान में समा गए, लेकिन ये पता नहीं चल सका कि आखिर ये जाते कहां हैं?
- अमेरिकी खोजकर्ता कोलंबस ने पहली बार बरमूडा ट्राइएंगल में होने वाली रहस्यमय हरकतों को तब दर्ज किया थाए जब उनका जहाजी बेड़ा इस इलाके में पहुंचा तो उनके कंपास बेकार हो गए।
ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान उन्हें आसमान में एक आग का गोला दिखाई दिया जो सीधे जाकर समुद्र में गिर गया।
- यह फ्लोरिडा, बरमूडा और प्यूर्टो रिको के बीच पड़ने वाला अटलांटिक महासागर का एक त्रिभुजाकार क्षेत्र है।
- बीते 100 साल में बरमूडा ट्राइएंगल के आसपास इस रहस्य ने कम से कम 75 विमानों, 100 से ज्यादा जहाजों को लील लिया है, जिसमें कम से कम 1000 लोगों की जान जा चुकी है।
- इस घटना के करीब साढ़े चार सौ साल बाद, द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद वाले दशक में यहां लगभग 8 हजार लोग दुघर्टना का शिकार हुए जिसके बाद ये क्षेत्र रहस्यमय और खतरनाक माना जाने लगा।
- बरमूडा करीब 500,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है। विशेषज्ञों के अनुसार यहां हवा का दबाव इतना तेज होता है कि इसके आगे टिक पाना संभव नहीं है।
- विशेषज्ञों के अनुसार संभवत: हेक्सागोनल बादल ही वह कथित आग का गोला था जो कोलंबस को समुद्र में गिरता दिखाई दिया था।
- बरमूडा इतना अधिक फेमस और सीक्रेट एरिया है कि इस तक जाने की हिम्मत जुटाने वाले भी कभी वापस नहीं लौट सके। यहां समंदर के उपर से गुजरने वाले विमानों का बचना अब तक संभव नहीं हो सका है।
- बरमूडा की प्रतिकृति को हाॅलीवुड फिल्मों में कई बार दिखाया जा चुका है। यहां तक कि इस पर एनीमेशन, कार्टून फिल्में भी बन चुकी हैं।
Created On :   14 Aug 2017 10:50 AM IST