टोल टैक्स नाकों पर मनमानी - सिहोरा में दो बार लिया, अमदरा पर फास्टैग को ब्लैक लिस्टेड बताया
टोल टैक्स नाकों पर मनमानी - सिहोरा में दो बार लिया, अमदरा पर फास्टैग को ब्लैक लिस्टेड बताया
डिजिटलन डेस्क जबलपुर/ सतना । नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश के हाईवेज पर स्थित टोल नाकों पर फास्टैगयुक्त वाहनों को प्रीमियम माना है, लेकिन ये नाके जिन ठेकेदारों ने ले रखे हैं, उनकी नजर में फास्टैग वाले वाहन सिरदर्द हैं। ठेकेदारों की इस भावना का ज्वंलत उदाहरण है जबलपुर-रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित टोल नाके, जहाँ फास्टैग स्कैनिंग मशीन में ऐसी सेटिंग की गई है कि या तो दो-दो बार टोल टैक्स कट जाता है या फिर फास्टैग को ब्लैक लिस्टेड बताकर कैश में दोगुना टोल टैक्स वसूला जाता है। इतना ही नहीं इस मार्ग के अमदरा नाके पर तो बाकायदा लठैत बिठाकर रखे गए हैं, जो सरेआम कहते हैं कि शिकायत करोगे तो देख लेंगे।
सिहोरा नाके पर दो बार कटा टोल टैक्स
एक वाहन ने 20 जुलाई को जबलपुर से रीवा रोड पर सफर किया। इस वाहन में फास्टैग लगा हुआ था। जबलपुर से निकलने के बाद सिहोरा पर पहला टोल नाका पड़ा, जहाँ फास्टैग लगा होने के कारण टोल टैक्स अपने आप कट गया। 21 जुलाई को यही वाहन लौटा, सिहोरा नाके पर फिर टोल कट गया। चूँकि 20 जुलाई को कटनी और सतना के बीच अमदरा नाके पर फास्टैग को ब्लैक लिस्टेड बताया गया था, इस कारण वाहन स्वामी ने जबलपुर लौटने के बाद अपना फास्टैग अकाउंट खँगाला तो पता चला कि सिहोरा नाके पर 20 और 21 जुलाई को दो-दो बार टोल टैक्स कट गया। जानकार सूत्रों के मुताबिक सिहोरा टोल नाके पर फास्टैग से दो बार पैसे कटने की शिकायत बहुत आम है।
एनएचएआई को शिकायतें, पर सुनवाई नहीं
जानकारों ने बताया कि सिहोरा और अमदरा नाके पर फास्टैग से दो-दो बार टोल टैक्स काटने की शिकायतें लगातार एनएचएआई को की जा रहीं हैं, पर कोई सुनवाई नहीं है। इसी वाहन ने 8 जुलाई को भी अमदरा नाके से सफर किया था, तब भी दो बार 95-95 रुपए कटे थे। बड़ी संख्या में वाहन चालक दो बार टोल टैक्स लेने और फास्टैग को ब्लैक लिस्टेड बताने की शिकायतें कर रहे हैं, पर एनएचएआई के आला अफसर आश्वासन देने के अलावा और कुछ नहीं कर रहे हैं।
गुंडागर्दी और अवैध वसूली की भी शिकायतें
रीवा रोड के अमदरा नाके पर जिस तरह से लठैतों की टीम तैनात की गई है, वो टोल ठेकेदार के इरादे अपने आप व्यक्त कर रही है। इसके विपरीत सिहोरा नाके पर काउंटर पर अधिकांश समय लड़कियों को बिठाया जा रहा है, ताकि दो बार टोल टैक्स कटने पर भी कोई उनसे बहस न कर सके। अमदरा नाके पर वाहन मालिकों को खुलेआम धमकियाँ देना और एनएचएआई के अफसरों की चुप्पी का सीधा अर्थ ये भी निकाला जा रहा है कि ठेकेदार कंपनियाँ इन्हें खुश रखने के लिए हर संभव प्रयास करती हैं। ठेकेदार अधिकारियों को खुश रखें, पर अधिकारियों का काम वाहन चालकों को खुश रखना है, जो वो भूल गए हैं।
इनका कहना है
टोल नाकों पर यदि नियम विरुद्ध कोई टोल वसूली हो रही और इसकी शिकायत मिलती है तो सख्त कार्यवाही की जाएगी। नियम का पालन हर हाल में करना होगा। कई बार कुछ तकनीकी खराबी होती हैं इससे से भी परेशानी होती है।
- सोमेश बंाजल,
प्रोजेक्ट डायरेक्टर, कटनी, मैहर