रेमडेसिविर की कालाबाजारी- ड्रग इंस्पेक्टर के अधिकार छिने, दुकान संचालक की भूमिका की भी शुरू हुई जाँच 

रेमडेसिविर की कालाबाजारी- ड्रग इंस्पेक्टर के अधिकार छिने, दुकान संचालक की भूमिका की भी शुरू हुई जाँच 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-04-14 09:27 GMT
रेमडेसिविर की कालाबाजारी- ड्रग इंस्पेक्टर के अधिकार छिने, दुकान संचालक की भूमिका की भी शुरू हुई जाँच 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना महामारी के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन को 18 हजार में बेचे जाने के मामले में पकड़े गए न्यू मुनीश मेडिकोज के दोनों कर्मचारियों को मंगलवार को ओमती पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहाँ से उन्हें जेल भेज दिया गया। उधर इस पूरे मामले में ड्रग इंस्पेक्टर की भूमिका पर सवाल खड़े होने के बाद उनके ड्रग आवंटन के अधिकार छीनकर गोपनीय जाँच के निर्देश दिए गए हैं। वहीं एसडीएम द्वारा दुकान संचालक कामेश राजानी की भूमिका की भी जाँच प्रारंभ कर दी गई है। 
 उल्लेखनीय है कि रविवार की शाम को मॉडल रोड स्थित गुरुद्वारा के नीचे स्थित न्यू मुनीश मेडिकोज नामक दवा दुकान से रेमडेसिविर इंजेक्शन का दाम 18 हजार बताकर बेचने के मामले को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। इस मामले की शिकायत किए जाने पर एसडीएम आशीष पांडे के नेतृत्व में दुकान पर छापा मारकर दो कर्मचारियों को पकड़कर दुकान को सील किया गया था। इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर लखन पटैल द्वारा थाने में दिए गये प्रतिवेदन के आधार पर ओमती पुलिस ने दवा दुकान के कर्मचारी नितिन विश्वकर्मा व सुदामा बघेल के खिलाफ कालाबाजारी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। उक्त मामले में मंगलवार को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया वहाँ से उन्हें जेल भेजा गया है। 
 

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