कोरोना - 833 मिले नए संक्रमित 10 मरीजों की गई जान - एक्टिव केस हुए 6814

कोरोना - 833 मिले नए संक्रमित 10 मरीजों की गई जान - एक्टिव केस हुए 6814

Bhaskar Hindi
Update: 2021-04-24 10:12 GMT
कोरोना - 833 मिले नए संक्रमित 10 मरीजों की गई जान - एक्टिव केस हुए 6814

मुक्तिधामों में 60 शवों की अंत्येष्टि हुई कोविड प्रोटोकॉल से, मेडिकल में फिर गति पकड़ेगा प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
जिले में एक बार फिर शुक्रवार को 8 सौ से ज्यादा नए मरीज मिले। 833 नए मरीजों को मिलाकर कुल मरीजों की संख्या 31 हजार पार करके 31513 हो गई है। एक दिन पूर्व ही कुल मरीजों की संख्या ने 30 हजार का आँकड़ा छुआ था। एक्टिव केस बढ़कर 6814 हो गए हैं। प्रशासनिक रिकॉर्ड में भी शुक्रवार को एक दिन में हुई अब तक की सबसे ज्यादा 10 मौतें दिखाईं गईं।  वहीं शुक्रवार को तीन चिन्हित मुक्तिधामों में कोविड गाइडलाइन के तहत  60 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। जानकारी के अनुसार 4 शवों का और अंतिम संस्कार नहीं हो सका, इनका फ्यूनरल आज शनिवार को किया जाएगा। बीते कुछ दिनों के मुकाबले कोविड गाइडलाइन के तहत किए गए अंतिम संस्कारों की तुलना में फिलहाल कुछ कमी आई है।  एक अच्छी खबर यह रही कि एक ही दिन में सबसे ज्यादा 751 व्यक्तियों को स्वस्थ होने पर डिस्जार्च किया गया है, जिसके चलते लगभग डेढ़ माह बाद रिकवरी रेट में आंशिक बढ़ोत्तरी देखी गई। 
मेडिकल में फिर से प्लाज्मा डोनेशन के लिए कैंप कल 
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मेडिकल कॉलेज द्वारा प्लाज्मा थैरेपी के कार्य को एक बार फिर गति देने का निर्णय लिया गया है। जिसके चलते 25 अप्रैल रविवार को प्लाज्मा डोनेशन कैंप लगाने का निर्णय लिया गया है। यह कैंप मेडिसिन विभाग की ओपीडी क्र. 1 में सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित किया जाएगा। ऐसे व्यक्ति जो कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद 1 माह से ज्यादा का समय गुजार चुके हैं, वे इस कैंप में अपना पंजीयन करा सकते हैं, इसलिए लिए कुछ निर्देश भी जारी किए गए हैं। जैसे कि जिनकी कोरोना संक्रमण की पुष्टि आरटीपीसीआर टेस्ट के द्वारा ही हुई हो, वे ही प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। इसके अलावा 18 से 60 वर्ष की उम्र के पुरुष तथा महिलाएँ, जिनका वजन 55 किग्रा से ज्यादा हो, वे महिलाएँ जो अभी तक गर्भवती नहीं हुई हों, ऐसे व्यक्ति जो किसी गंभीर बीमारी का इलाज न ले रहे हों, प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। 
संक्रमण के शुरुआती दिनों में कारगर 
इस बारे में डीन डॉ. पीके कसार कहना है कि पिछली लहर में प्लाज्मा थैरेपी को आखिरी इलाज के रूप में इस्तेमाल किया गया था, जब मरीज वेंटिलेटर पर पहुँच जाता है। जबकि यह तब ज्यादा कारगर है जब कोरोना की शुरूआत के 3 से 7 दिनों में दे दिया जाए और फेफड़ों में संक्रमण की स्थिति न हो। 
गढ़ा में 100 बिस्तर का आइसोलेशन सेंटर तैयार
श्री दिगम्बर जैन मंदिर गढ़ा ट्रस्ट की नवनिर्मित धर्मशाला में 100 बिस्तर का कोविड आइसोलेशन सेंटर तैयार किया गया है। जिसकी तैयारी हेतु कलेक्टर  एवं जिला चिकित्सा अधिकारी ने निरीक्षण कर मंजूरी दी है। मंदिर ट्रस्ट कमेटी के साथ सीए राजेश जैन, डॉ. मयूर जैन, डॉ. स्वप्निल जैन के संयुक्त संयोजन में तैयार हो रहे सेंटर की शुरूआत आज 24 अप्रैल को सुबह 10 बजे होगी।  

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