नकली रेमडेसिविर मामला सिटी अस्पताल के संचालक मोखा की पत्नी जसमीत कौर व मैनेजर सोनिया गिरफ्तार

नकली रेमडेसिविर मामला सिटी अस्पताल के संचालक मोखा की पत्नी जसमीत कौर व मैनेजर सोनिया गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-18 09:12 GMT
नकली रेमडेसिविर मामला सिटी अस्पताल के संचालक मोखा की पत्नी जसमीत कौर व मैनेजर सोनिया गिरफ्तार

घंटों तक चली पूछताछ, दस्तावेज छिपाने व साक्ष्य नष्ट करने के मामले में दोनों को बनाया गया आरोपी, बेटे के दोस्त के भी दर्ज हुए बयान
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
नकली रेमडेसिविर मामले में सोमवार को एसआईटी ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी जसमीत कौर व मैनेजर सोनिया खत्री शुक्ला से करीब 6 घंटे तक सघन पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार इस दौरान यह तथ्य सामने आए कि अस्पताल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल मोखा की पत्नी जसमीत व मैनेजर सोनिया को नकली रेमडेसिविर मामले की जानकारी थी और उनके द्वारा दस्तावेजों को छिपाया गया व काफी साक्ष्यों को मिटाया गया। इस बात की पुष्टि होने पर दोनों को मामले में आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है।  मोखा के बेटे की तलाश की जा रही है।  सूत्रों के अनुसार नकली रेमडेसिविर मामले में मोखा की गिरफ्तारी और रिमांड पर लिए गए सिटी अस्पताल कर्मी देवेश चौरसिया से पूछताछ कर एसआईटी ने अहम जानकारी जुटाई थी। देवेश द्वारा दिए गए बयान के बाद मोखा की पत्नी और पूरे परिवार को जाँच के दायरे में लेकर मोखा की पत्नी जसमीत कौर, मैनेजर सोनिया को सोमवार को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए एसआईटी के समक्ष तलब किया गया था, पूछताछ में उनके द्वारा इस मामले के अहम दस्तावेज छिपाने की बात उजागर हुई है। वहीं पत्नी जसमीत से बेटे हरकरण के बारे में भी पूछा गया लेकिन उन्होंने बेटे के संबंध में जानकारी होने से इनकार कर दिया। घंटों चली पूछताछ के बाद  दोनों की भूमिका संदिग्ध नजर आने पर आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया। 
दोस्त की निकली फर्जी आईडी 
जानकारों के अनुसार जिस फर्जी आईडी से इंदौर से निकली रेमडेसिविर मँगाए गये थे वह आईडी मोखा के बेटे हरकरण के स्कूल के दोस्त धनवंतरी नगर निवासी  दिव्यांग दुबे की थी। इस जानकारी के आधार पर जाँच टीम ने दिव्यांग को बुलाकर पूछताछ की जिसमें उसने बताया कि दोस्त होने के नाते हरकरण ने उससे आईडी माँगी तो उसने दे दी थी लेकिन उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसकी आईडी का हरकरण द्वारा गलत इस्तेमाल किया जाएगा। पूछताछ के बाद  दिव्यांग को कोर्ट ले जाकर धारा 164 के बयान दर्ज कराए गये, ताकि वह अपने दिए गये बयान पर कायम रहे। 
ट्रैवल्स एजेंसी के दस्तावेजों की जाँच 
जानकारों के अनुसार अस्पताल कर्मी देवेश के बयान की पुष्टि करने के लिए एसआईटी द्वारा नकली रेमडेसिविर की डिलीवरी करने वाली अम्बे ट्रैवल्स एजेंसी में भी छापामारी कर दस्तावेजों की जाँच की गई। वहाँ से 23 व 28 अप्रैल को हुई डिलीवरी संबंधी दस्तावेज जब्त किए गये जिसमें फर्जी आईडी मिली थी जो कि हरकरण के दोस्त दिव्यांग की होने का पता चला था उस आधार पर जाँच टीम ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया था। 
सपन की बातों पर संदेह 
नकली रेमडेसिविर मामले में आरोपी बनाए गये दवा सप्लायर सपन जैन द्वारा पुलिस को गुमराह किया जा रहा है। जाँच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि इंदौर से कुल 5 सौ नकली रेमडेसिविर मँगाए गये थे इसमें से 465 सिटी अस्पताल पहुँचे थे और बाकी 35 सपन ने अपने पास रख लिए थे। इस बात का खुलासा होने पर सपन ने यह इंजेक्शन तिलवारा से नर्मदा नदी में फेंकना बताया था, उसकी बात को जाँच टीम हजम नहीं कर पा रही है। पुलिस को संदेह है कि वह इंजेक्शन फेंकने के मामले में गलत जानकारी दे रहा है। जबलपुर पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर शहर लाकर फिर सघन पूछताछ की तैयारी में है।
इनका कहना है
 सिटी अस्पताल संचालक मोखा की पत्नी जसमीत और अस्पताल की मैनेजर सोनिया को मामले में दस्तावेज छिपाने व साक्ष्य मिटाने के षड्यंत्र में शामिल होना पाए जाने पर आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया गया है।    -सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी
 

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