झोपड़पट्टी में रहने वालों को हटाए जाने पर रोक हाईकोर्ट ने राज्य शासन, कलेक्टर और अन्य को जारी किया नोटिस

झोपड़पट्टी में रहने वालों को हटाए जाने पर रोक हाईकोर्ट ने राज्य शासन, कलेक्टर और अन्य को जारी किया नोटिस

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-10 10:19 GMT
झोपड़पट्टी में रहने वालों को हटाए जाने पर रोक हाईकोर्ट ने राज्य शासन, कलेक्टर और अन्य को जारी किया नोटिस

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए नरसिंहपुर में झोपड़पट्टी में रहने वालों को हटाए जाने पर रोक लगा दी है। जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ ने राज्य शासन, नरसिंहपुर कलेक्टर और तहसीलदार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। नरसिंहपुर निवासी कालका चौधरी और अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उन्हें झोपड़पट्टी से हटाने के लिए तहसीलदार ने नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया कि इस मामले में पूर्व में एक याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने राजस्व मंडल का आदेश निरस्त कर दिया था। सार्वजनिक सड़क पर अतिक्रमण पाते हुए झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों के पट्टा निरस्त करते हुए उन्हें तीन माह में अलग होने का आदेश दिया गया था। अधिवक्ता सुबोध कठर ने तर्क दिया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए यथास्थिति रखने का आदेश दिया था। इसके बाद भी तहसीलदार द्वारा झोपड़पट्टी में रहने वालों को हटाए जाने का नोटिस दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा यथास्थिति का आदेश जारी करने के बाद झोपड़पट्टी में रहने वालों को हटाने की कार्रवाई नहीं की जा सकती है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने झोपड़पट्टी में रहने वालों को हटाए जाने पर रोक लगा दी है। 

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