रत्नागिरी जिले के पत्रकार की मौत हादसा नहीं - हत्या, आरोपियों को कड़ी सजा की मांग
नांदूरा रत्नागिरी जिले के पत्रकार की मौत हादसा नहीं - हत्या, आरोपियों को कड़ी सजा की मांग
डिजिटल डेस्क, नांदूरा. रत्नागिरी जिले के पत्रकार शशिकांत वारीसे की मौत हादसा नहीं है बल्कि उनकी हत्या की गई है। उस मामले का निषेध कर आरोपी को कड़ी सजा दी जाए एवं शासन से उनके परिवार को 50 लाख रुपए नगद देकर उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। उनके परिवार को संरक्षण दिया जाए। इस बात का ज्ञापन नांदूरा तहसीलदार के जरिए शासन को भेजा गया। ज्ञापन में लिखा गया है कि भारतीय लोकशाही का चौथा आधारस्तंभ पत्रकार हर रोज अपनी जान खतरे में डालकर अपना काम करते है। कोरोना काल में भी कुछ पत्रकारों की मौत हुई तो विविध जगह पत्रकारों पर हमला हो रहा है। पत्रकार संरक्षण कानून अस्तित्व में होने पर भी हमलाकर्ता पर अपराध दर्ज करने पुलिस व्दारा टोलमटोल किया जाता है।
जिस कारण अपराधियों का मनोबल बढ़ता है। रत्नागिरी जिले के एक पत्रकार की हादसे में मौत हुई। वह हादसा न होकर हत्या है, इस मामले में अपराधियों पर अपराध दर्ज करें। उसी तरह यह मामला फास्ट ट्रॅक कोर्ट में चलाया जाए। बुलढाणा के तुपकरी के आंदोलन के दौरान पुलिस ने पत्रकारों से धक़्कामुक्की की। इस घटना का तहसील पत्रकार निषेध कर उक्त पुलिस कर्मचारी एवं अधिकारी पर तुरंत कार्रवाई करने की भी मांग नांदूरा तहसील पत्रकार संघ की ओर से आज एक ज्ञापन के जरिए की गई। ज्ञापन देते समय नांदूरा तहसील पत्रकार संघ के अध्यक्ष सुरेश पेठकर, उपाध्यक्ष गणेश आसोरे, सचिव पुरुषोत्तम भातुरकर, कोषाध्यक्ष तुकाराम रोकडे, भगवान बावणे, भाऊसाहेब बावणे, विठ्ठल भातुरकर, शैलेश वाकोडे, विनोद गावंडे समेत अनेक पत्रकार उपस्थित रहे। ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र राज्य, मंत्रालय मुंबई को भेजी गई है।