परियट नदी के किनारे स्थापित हो सकती है नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी !

परियट नदी के किनारे स्थापित हो सकती है नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी !

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-09 07:55 GMT
परियट नदी के किनारे स्थापित हो सकती है नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी !

 डिजिटल डेस्क जबलपुर। जबलपुर में प्रदेश की दूसरी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना को लेकर गत दिवस मप्र उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस आरएस झा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए भूमि तलाशने के साथ-साथ यूनिवर्सिटी का शैक्षणिक सत्र इसी वर्ष जुलाई से प्रारंभ कराने की दिशा में कोशिशों को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि  यूनिवर्सिटी के प्रशासकीय भवन, क्लास रूम, हॉस्टल और स्टाफ क्वार्टर्स के लिए भवन की तलाश भी तेजी से की जा रही है। खुद का भवन बन जाने तक लॉ यूनिवर्सिटी का कामकाज अस्थाई तौर पर किराये के भवन में चलाया जायेगा।
बैठक के बाद जस्टिस झा के नेतृत्व में अधिकारियों द्वारा यूनिवर्सिटी के लिए पिपरिया (खम्हरिया) सहित प्रस्तावित स्थलों का अवलोकन भी किया गया।    
इस दौरान यूनिवर्सिटी का कामकाज शुरू करने के लिए मंगेली स्थित महर्षि वैदिक यूनिवर्सिटी, रांझी में बन रहे ज्ञानोदय विद्यालय, मंगेली में ही निर्माणाधीन श्रमोदय विद्यालय तथा भारत रत्न भीमराव अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेलीकॉम ट्रेनिंग के भवन का निरीक्षण भी किया गया। बताया जाता है कि लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए पनागर के पास परियट नदी से लगी भूमि तथा कुछ अन्य स्थलों का भी जल्दी ही निरीक्षण किया जायेगा और लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना के बारे में अंतिम फैसला लिया जायेगा।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 11 दिसंबर को उच्च न्यायालय परिसर में हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के नवनिर्मित हॉल के लोकार्पण कार्यक्रम में जबलपुर में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा की थी।
बैठक और स्थल के अवलोकन के दौरान अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा बीआर नायडू, प्रमुख सचिव विधि एएम सक्सेना, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार फहीम अनवर, महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव, मप्र राज्य न्यायिक प्रशिक्षण अकादमी के संचालक संजीव खालगांवकर, कलेक्टर महेश चन्द्र चौधरी और अपर कलेक्टर छोटे सिंह भी मौजूद थे।लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना के बारे में अंतिम फैसला लिया जायेगा।

 

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