पुलिस का जागरूकता अभियान, एसपी ने दिए बच्चों के सवालों के जवाब

पुलिस का जागरूकता अभियान, एसपी ने दिए बच्चों के सवालों के जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-10 10:47 GMT
पुलिस का जागरूकता अभियान, एसपी ने दिए बच्चों के सवालों के जवाब

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर के पंडित लज्जा शंकर झा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में ट्रैफिक पुलिस का जागरूकता अभियान चल रहा था। खुद एसपी शशिकांत शुक्ला बच्चों की क्लास ले रहे थे। जब सवाल-जवाब का सेशन आया तो एक छात्रा ने एसपी से पूछा कि सर, मॉल में जब ड्रेस खरीदने शोरूम के ट्रायल रूम में जाते हैं तो हमारे मन में यह अंदेशा बना रहता है कि कहीं हिडन सीसीटीवी कैमरा तो नहीं लगा है, यह कैसे पता लगाया जा सकता है कि ट्रायल रूम मे सीसीटीवी कैमरा लगा है कि नहीं ? जिसका जवाब देते हुए एसपी शुक्ला ने बताया कि मोबाइल के प्ले स्टोर में उपलब्ध एैप ‘हिडेन कैमरा डिटैक्टर / स्पाई कैमरा डिटैक्टर"  से आप कैमरे होने पता लगा सकते हैं।

छात्रा के सवाल को एसपी ने गंभीरता से लेते हुए बम डिटेक्शन एन्ड डिस्पोजल स्क्वॉड को तत्काल मॉल में स्थित ट्रायल रूम को चैक करने का आदेश दिया। बीडीडीएस प्रभारी पंकज सिंह ने दोनों मॉल में ट्रायल रूमों को ‘‘नोन लिनियर जंक्शन डिटेक्टर, ऑप्टिकल सर्विलेंस सिस्टम, एक्सटेन्शन सर्च मिरर, सर्च डैगन लाइट उपकरण से बारीकी से चैक किया गया। कहीं भी कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा मिला। स्कूल में अभियान के दौरान एसपी ने बताया कि प्रत्येक अपराध के लिए भारतीय दण्ड विधान में सजा का प्रावधान है, जो जिस तरह का अपराध करता है, उसे उक्त प्रावधान के तहत न्यायालय सजा देता है। 
छात्र-छात्राओं को पॉक्सो एक्ट एंव भारतीय दण्ड विधान की धाराओं की विस्तार से जानकारी दी एवं उनकी शंकाओं का समाधान किया। बालक एवं बालिकाओं के लिए बनाए गए कानून पॉक्सो एक्ट के संबंध में (डायल 100 एवं कोडरेड की टीम किस प्रकार कार्य करती है) जानकारी दी गई। इस दौरान बालक-बालिकाओं को आत्मसुरक्षा हेतु वुशू मार्शल आर्ट की कला के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए जा रहे हैं।

असामाजिक तत्व पकड़ना चैकिंग का मकसद

कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं को बताया गया कि पुलिस द्वारा की जाने वाली वाहन एवं अन्य चैकिंग के पीछे का मकसद असामाजिक तत्वों को पकड़ना है। कई बार चैकिंग के दौरान अआमाजिक तत्व हथियारों के साथ भी पकड़े जाते हैं। वाहन चैकिंग का मकसद चालान काटना नहीं बल्कि लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना है। नियम तोड़ने वालों का चालान काटा जाता है। 

वितरित किए गए पुरस्कार
 
उप पुलिस अधीक्षक मनोज खत्री ने छात्र-छात्राओं से यातायात से संबंधित प्रश्न पूछे गए। इसके साथ ही यातायात नियमों का पालन करने व दूसरों से भी पालन कराने की शपथ दिलाई गई। प्रश्नों का सही उत्तर देने वाले छात्र एवं छात्राओं को पुलिस अधीक्षक जबलपुर ने पुरस्कृत भी किया। 

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