कमरे में बंद कर नाबालिग से दुष्कृत्य- आरोपी को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा
कमरे में बंद कर नाबालिग से दुष्कृत्य- आरोपी को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा
डिजिटल डेस्क शहडोल । नाबालिग को अगवा कर रात भर कमरे में बंद कर दुराचार करने के आरोपी को न्यायालय द्वारा 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। घटना थाना बुढ़ार क्षेत्र की है।
अभियोजन के अनुसार आरोपी अमोल पाव ने 10 दिसंबर 2015 की शाम नाबालिग को उस समय मुंह में कपड़ा लगाकर अगवा कर लिया था जब वह टायलेट के निकली थी। 12 दिसंबर को आहत ने चौकी केशवाही में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि आरोपी उसे उठाकर झपरा विश्वकर्मा के सुनसान घर में ले गया। हल्ला गोहार करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए कई बार गलत काम किया। अगली सुबह 11 दिसंबर को 7 बजे आरोपी दरवाजे को बाहर से सिटकनी लगाकर चला गया। शाम करीब 4 बजे जब झपरा विश्वकर्मा का छोटा भाई एवं एक अन्य व्यक्ति अपने घर आए तब पीडि़ता बाहर निकली और उन्हें घटना की बात बताई। उक्त रिपोर्ट पर थाना बुढ़ार मेें अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। संभागीय जनसंपर्क अधिकारी (अभियोजन) नवीन कुमार वर्मा एडीपीओ दे बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश बुढ़ार (विशेष न्यायालय पॉक्सो अधिनियम) द्वारा विचारण उपरांत आरोपी अमोल पाव 21 वर्ष पिता श्यामलाल पाव निवासी दमकी टोला ग्राम बलबहरा चौकी केशवाही थाना बुढ़ार को धारा 376 (2) (झ)(ढ)भादवि सहपठित धारा पास्को एक्ट की धारा 5/6 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 506 बी भादवि में 2 वर्ष का कारावास एवं एक हजार व 200 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से राजकुमार रावत अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी बुढ़ार द्वारा पैरवी की गई।