Shahdol News: गोदाम पहुंचने के बाद कम हो गई 21 हजार क्विंटल धान की मात्रा, अंतर की हो रही वसूली

गोदाम पहुंचने के बाद कम हो गई 21 हजार क्विंटल धान की मात्रा, अंतर की हो रही वसूली
  • खरीदी के बाद घट गई 4.88 करोड़ की धान
  • संभाग के तीनों जिलों में 21 हजार 252 क्विंटल से अधिक करीब 4.88 करोड़ रुपए की धान ही गायब है।
  • शहडोल जिले में 30186 किसानों से 20 लाख क्विंटल धान खरीदी गई थी।

Shahdol News: खरीफ सीजन की प्रमुख उपज धान उपार्जन में गड़बड़ी का नित नया मामला सामने आ रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में संभाग में उपार्जन कर रही एनसीसीएफ नामक एजेंसी की समूची व्यवस्था ही पहले तो सवालों के घेरे में रही, अब गोदामों में जमा होने के बाद उपार्जित धान की भारी भरकम मात्रा कम निकलने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

संभाग के तीनों जिलों में 21 हजार 252 क्विंटल से अधिक करीब 4.88 करोड़ रुपए की धान ही गायब है। खरीदी व जमा में भारी अंतर के पीछे गड़बड़ी हो सकती है, लेकिन सूख जाने के बाद मात्रा का कम होना बड़ा कारण बताया जा रहा है। इस स्थिति के लिए संबंधित प्रशासन द्वारा उपार्जन एजेंसी एनसीसीएफ को दोषी ठहराया गया है, क्योंकि परिवहन में लेटलतीफी की गई, जिससे धान की नमी इतनी कम हो गई कि हजारों क्विंटल का अंतर आ गया। अब करोड़ों की वसूली समिति प्रबंधकों से की जा रही है, जिन्होंने धान की खरीदी का काम किया।

कहां कितनी धान हुई कम

शहडोल जिले में 30186 किसानों से 20 लाख क्विंटल धान खरीदी गई थी। यहां 3.68 करोड़ की 16 हजार क्विंटल धान गायब है। इसी प्रकार उमरिया जिले में 2542 क्विंटल और अनूपपुर जिले में 2710 क्विंटल धान कम पाई गई है। तीनों जिलों में कुल नुकसान करीब 4 करोड़ 88 लाख रुपये का बताया जा रहा है। गोदाम में कम मात्रा में धान की मात्रा दर्ज होने पर शहडोल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने उपायुक्त सहकारिता को पत्राचार कर समिति प्रबंधकों से वसूली की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।

समिति प्रबंधकों में नाराजगी

उपार्जन में हुए नुकसान की भरपाई संबंधित लैंप्स समितियों के प्रबंधकों से करने की तैयारी है। जिसको लेकर प्रबंधकों में नाराजगी है। क्योंकि पहले तो उनके हिस्से का भुगतान नहीं किया गया, अब धान की मात्रा की मात्रा कम होने पर अकेले उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। एनसीसीएफ की देरी पर विचार नहीं किया जा रहा है। उनका सवाल है कि सिर्फ लैंप्स प्रबंधक ही जिम्मेदार क्यों बनें। यदि समय पर परिवहन करा लिया जाता तो ऐसी स्थिति न बनती।

हो चुकी 1.37 करोड़ की वसूली

इस संबंध में ईई जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित एसके यादव का कहना है कि उपार्जन एजेंसी द्वारा धान का समय पर परिवहन न होने के कारण धान सूखी। शहडोल में 30 केंद्रों में धान की कमी आई है। उपायुक्त सहकारिता को सोसायटियों से वसूली कराने को कहा है। वहीं उपायुक्त सहकारिता चंद्र प्रताप सिंह भदौरिया का कहना है कि 1 करोड़ 37 लाख की वसूली हो गई है। बाकी रिकवरी की प्रक्रिया हो रही है।

Created On :   30 April 2025 4:17 PM IST

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