आधा इंच बारिश में ही दरिया बन गईं सड़कें मेट्रो सिटी कल्चर से कोसों दूर 

आधा इंच बारिश में ही दरिया बन गईं सड़कें मेट्रो सिटी कल्चर से कोसों दूर 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-09 08:59 GMT
आधा इंच बारिश में ही दरिया बन गईं सड़कें मेट्रो सिटी कल्चर से कोसों दूर 

पानी में धुल गई स्मार्टनेस गोलबाजार में पानी निकलने की जगह नहीं, दमोहनाका व शिवनगर में भी भरा पानी, घंटाघर, राइट टाउन क्षेत्र में मुसीबत, चलना हुआ मुश्किल
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
 स्मार्ट सिटी योजना में शामिल हुए 5 साल हो गए लेकिन आज तक शहर को स्मार्ट वर्किंग की परिभाषा नहीं पता चल पाई। नगर निगम जिस अनाड़ीपने से शहर को कथित विकास का सपना दिखा रहा है उससे तो आम नागरिकों के सामने रोजाना नई मुसीबतें खड़ी हो रही हैं। मंगलवार दोपहर हुई केवल आधा इंच से भी कम बारिश में ही ऐसा लगा जैसे शहर तितर-बितर हो गया हो। लोग गिरते-पड़ते आवाजाही करते नजर आए। सड़कों पर कीचड़ की बाढ़ आ गई, गड्ढों में वाहन फँस रहे थे, पैदल चलने वालों के पैर घुटनों तक डूब रहे थे। कहीं वाहन गिर रहे थे तो कहीं पेड़ धराशायी हुए। अनियोजित और असमय होने वाले कार्यों ने जनजीवन को बुरी तरह हलाकान कर दिया। 
मेट्रो सिटी कल्चर से कोसों दूर 
* जिन दिनों तोड़-फोड़ और खुदाई के कार्य बंद कर दिए जाते हैं उसी दौरान नगर िनगम ने जैसे काम करने का बीड़ा उठा लिया। स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्मार्ट सड़कों का निर्माण होना है और उसी के लिए नाली निर्माण हो रहा है। 
* सीवर लाइन का कार्य किया जा रहा है जिससे शहर का मध्य भाग बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। ऐसे कार्य भोपाल और इंदौर में भी होते हैं लेकिन उनकी वर्किंग ऐसी होती है कि आम नागरिक कम से कम परेशान होता है। 
* मुम्बई, दिल्ली जैसे शहरों में तो रातों-रात ये निर्माण कार्य हो जाते हैं और लोगों को पता भी नहीं चलता। नगर निगम की वर्किंग स्टाइल बड़े शहरों से कई सालों पीछे है लेकिन अधिकारी थोड़ी भी समझदारी दिखाएँ तो लोगों की मुसीबत कम हो सकती है। 
इनका कहना है
अब खुदाई के नए कार्यों पर रोक लगा दी गई है और केवल मरम्मत के कार्य ही कराए जाएँगे। जहाँ बहुत जरूरी है केवल वहीं कार्य िकए जाएँगे उसमें भी यह देखा जाएगा कि उस कार्य से आम नागरिकों को कोई परेशानी न हो। 
-कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री नगर निगम 

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