ख्वाजा यूनुस हिरासत मौत मामले में राज्य सरकार को नोटिस

हाईकोर्ट ख्वाजा यूनुस हिरासत मौत मामले में राज्य सरकार को नोटिस

Tejinder Singh
Update: 2023-01-16 16:01 GMT
ख्वाजा यूनुस हिरासत मौत मामले में राज्य सरकार को नोटिस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ख्वाजा यूनुस पुलिस हिरासत मौत केमामले को लेकर यूनुस की मां आसिया बेगम की ओर से दायर की गई याचिका पर राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी किया है और याचिका पर जवाब देने को कहा है। याचिका में मुख्य रुप से मुंबई सत्र न्यायालय की ओर से सात सितंबर 2022 को दिए गए आदेश को चुनौती दी गई है। इस आदेश के तहत राज्य सरकार को अपने उस आवेदन को वापस लेने की छूट दी गई थी जिसमें इस प्रकरण में चार पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाने की मांग की गई थी। युनूस की मां ने इस आवेदन का विरोध किया था। याचिका में निचली अदालत के आदेश को खामीपूर्ण बताया गया है। 

सोमवार को न्यायमूर्ति आरजी अवचट ने आसिया बेगम की पुनर्विचार याचिका पर गौर करने के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और याचिका पर सुनवाई 25 जनवरी 2023 तक के लिए स्थगित कर दी।आसिया बेगम इस मामले में जिन पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाना चाहती हैं उसमें सेवानिवृत्ति सहायक पुलिस आयुक्त प्रफुल्ल भोसले, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजाराम वहमाने, हेमंत देसाई व वर्तमान में सेवारत पुलिसकर्मी अशोक खोत का नाम शामिल है। इस मामले में राज्य सरकार ने अब अधिवक्ता प्रदीप घरत की विशेष सरकारी वकील के रुप में नियुक्ति की है। जिन्होंने पूर्व के विशेष सरकारी वकील की ओर से किए गए उस आवेदन को वापस ले लिया जिसमें उपरोक्त पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाने की मांग की गई है। साल 2003 में यूनुस की कथित रुप से पुलिस हिरासत में मौत का मामला सामने आया था। ख्वाजा को 2002 में मुंबई के घाटकोपर बम धमाके के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

 

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