दक्षिण भारत में छाया छिंदवाड़ा का स्वीट कार्न

छिंदवाड़ा दक्षिण भारत में छाया छिंदवाड़ा का स्वीट कार्न

Ankita Rai
Update: 2022-07-13 10:02 GMT
दक्षिण भारत में छाया छिंदवाड़ा का स्वीट कार्न

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। हैदराबाद, रायपुर, नागपुर जैसे महानगरों में इन दिनों छिंदवाड़ा के स्वीट कार्न की जबरदस्त मांग बढ़ रही है। यही कारण है व्यापारी खेतों में ही किसानों से ११ रुपए प्रति किलो की दर से खरीदी कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि छिंदवाड़ा के बाद नासिक जिले के स्वीट कार्न की डिमांड होती है। बीते एक पखवाड़े से प्रतिदिन जिले के अलग-अलग हिस्सों से २० से २२ ट्रक स्वीट कार्न जिले के बाहर भेजा जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार इस साल जिले के किसानों ने लगभग २ हजार हेक्टेयर में स्वीट कार्न की फसल तैयार की है। मीठे भुट्टों की तुड़ाई का काम जुलाई के पहले सप्ताह से शुरू हो गया है। किसानों के  अनुसार अगस्त माह के पहले सप्ताह तक भुट्टों का उत्पादन होता रहेगा। मंगलवार को कृषि उप संचालक जितेंद्र कुमार सिंह और आंचलिक अनुसंधान केंद्र के सह संचालक व मक्का वैज्ञानिक डॉ. विजय पराडकर ने गुरैया, रोहना, लिंगा, देवर्धा व तिवड़ाकामथ में फसलों का निरीक्षण किया। रोहनाकला के किसान सुभाष राव घोरसे के खेत में कृषि विभाग की टीम ने स्वीट कार्न की फसल का मुआयना किया।
उमरेठ तहसील में सबसे ज्यादा रकबा
जिले की उमरेठ तहसील के गांवों में स्वीट कार्न का सबसे ज्यादा रकबा है। यहां किसानों ने लगभग ८०० हेक्टेयर में फसल तैयार की है। गाजनडोह, हेटी, नागलवाड़ी, शीलादेही, रिधोरा, छाबड़ी, कचराम, राखीढाना, बीजकवाड़ा सहित अन्य गांवों में स्वीटकार्न की खरीदी जोरों पर है। किसान नारद पवार ने बताया कि स्वीट कार्न की फसल ७५ दिन में तैयार हो जाती है। १ एकड़ में पांच से छह टन भुट्टों का उत्पादन होता है। औसतन भुट्टे के दाम १० से १२ रुपए किलो मिल जाते हैं। इससे प्रति एकड़ ५० से ६० हजार रुपए की आमदनी हो जाती है।
इनका कहना है
छिंदवाड़ा के किसान स्वीटकार्न की खेती कर दोहरा लाभ ले रहे हैं। किसान भुट्टे बेचकर अच्छी आमदनी हासिल कर लेते हैं फिर मक्का के हरे पौधों को रोटवेटर से खेत की मिट्टी में मिलाकर हरी खाद तैयार कर लेते  हैं।
 

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