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Nagpur News: मां के अतिरिक्त दूध से मिल रहा जीवनदान!, डागा में विदर्भ का पहला ह्यूमन मिल्क बैंक

- मेडिकल अस्पताल में भी जल्द होगा शुरू
- अतिरिक्त दूध से मिल रहा जीवनदान
- हर बच्चे को मां का दूध मिले यही उद्देश्य
Nagpur News."मां' एक ऐसा शब्द, जिसमें पूरी सृष्टि की ममता और शक्ति समाहित है। एक मां का आंचल अपने बच्चे के लिए सबसे सुरक्षित जगह होता है और उसका दूध अमृत। मदर्स डे जैसे अवसर हमें यह याद दिलाते हैं कि मातृत्व केवल अपने बच्चे तक सीमित नहीं होता, यह एक व्यापक भावना है, जो समाज के हर बच्चे तक पहुंच सकती है। इसी भावना को साकार रूप दे रहा है नागपुर का डागा महिला अस्पताल का मिल्क बैंक, जहां मांओं के अतिरिक्त दूध को जरूरतमंद नवजातों तक पहुंचाने का काम साल 2022 से जारी है। इसके लिए डागा की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सीमा पारवेकर, स्वास्थ्य उप-संचालक डॉ. विनिता जैन, तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. माधुरी थोरात आदि ने प्रयास किए हैं।
स्थापित है मिल्क कल्चर लैब
यह मिल्क बैंक, विदर्भ का एकमात्र मानवीय मिल्क बैंक है, जो बीते तीन साल से काम कर रहा है। इस संबंध में डागा सुपरिंटेंडेंट पीडियाट्रिक्स डॉ. दिलीप मड़ावी बताते हैं कि अस्पताल में एक "मिल्क कल्चर लैब' स्थापित की गई है, जो दूध की गुणवत्ता जांचने और संक्रमण मुक्त सुनिश्चित करने का कार्य करती है। डागा का दूध बैंक न केवल अस्पताल के भीतर बल्कि अन्य अस्पतालों में भी जरूरतमंद नवजातों तक यह जीवनदायी दूध पहुंचा रहा है। 42 बेड का स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट है। ऐसे बच्चों को यह दूध दिया जाता है, जिनका वजन 1.5 से कम हो या उनको जिनकी मां स्वास्थ्य के चलते फीडिंग करने में सक्षम नहीं है। हर महीने 140 से 150 लीटर दूध कलेक्ट किया जाता है। प्रोसेस करके प्रिजर्व किया जाता है। उसकी टेस्टिंग की जाती है और उसकी लैब रिपोर्ट आने के बाद ही नवजात को वो दूध दिया जाता है।
हर बच्चे को मां का दूध मिले यही उद्देश्य : 500 बेड वाला अस्पताल है, जिसमें सिजेरियन से लेकर नॉर्मल डिलीवरी 24 घंटे में 45 से 50 होती है। महीने का इसका आंकड़ा 900 से 1000 तक जाता है। साल भर में यह आंकड़ा 14 से 15 हजार तक जाता है। इसमें कुछ-कुछ मां को दूध नहीं आता है, इसी उद्देश्य से यह मिल्क बैंक स्थापित किया गया और हर मायने में यह सफल तरीके से चल रहा है।
मेडिकल में महीने भर में शुरू होगा मिल्क बैंक : पीडियाट्रिक्स एचओडी डॉ. मनीष तिवारी ने बताया कि डीन डॉ. राज गजभिये के पहल से मेडिकल में महीने भर में मिल्क बैंक शुरू हो जाएगा। इसका कार्य काफी दिनों से जारी था। इस ह्यूमन मिल्क बैंक में मिल्क कलेक्ट किया जाएगा। एनआईसीयू में 25 से 30 डिलेवरी हर दिन होती हैं। ऑउटबॉर्न एनआईसीयू 25 बेड का है और इन्बॉर्न 40 बेडएनआईसीयू है।
Created On :   11 May 2025 7:58 PM IST