Nagpur News: फिर देरी, कटघरे में एनएचएआई - पांचपावली उड़ानपुल 25 दिन में सिर्फ 30 फीसदी तोड़ा

फिर देरी, कटघरे में एनएचएआई - पांचपावली उड़ानपुल 25 दिन में सिर्फ 30 फीसदी तोड़ा
  • 30 दिन में फ्लाई ओवर तोड़ने का दावा था
  • पांचपावली उड़ानपुल 25 दिन में सिर्फ 30 फीसदी तोड़ा

Nagpur News. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की तरफ से बनाए जाने वाले फ्लाईओवर में देरी होना कोई नई बात नहीं है। एनएचएआई ने शहर में जितने भी फ्लाईओवर बनाए, वह सब अपने निर्धारित समय के बाद ही बने थे। अब शहर के सबसे लंबे इंदोरा-दिघोरी फ्लाईओवर का काम हाथ में लिया है और उसमें शुरू से ही हर काम देरी से हो रहा है। ठेका एजेंसी ने 30 दिन में पांचपावली फ्लाईओवर जमींदोज करने का दावा किया था, लेकिन 25 दिन में केवल 30 फीसदी ही तोड़फोड़ का काम हो सका है। ठेका कंपनी व एनएचएआई के अधिकारी विलंब क्यों हो रहा है, इस पर बोलने को तैयार नहीं है। मध्य नागपुर के लोगों ने एनएचएआई की कार्यप्रणाली पर शंका करते हुए 30 दिन में फ्लाईओवर जमींदोज करने का दावा गलत साबित होने का दावा किया था।

संयुक्त निरीक्षण किया

एनएचएआई, ठेका कंपनी व दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों ने दो दिन पहले इस फ्लाईओवर का संयुक्त निरीक्षण किया। फ्लाईआेवर के नीचे दो जगह रेलवे लाइन आती है आैर इस हिस्से को तोड़ने के लिए रेलवे से ब्लॉक लेना है। ब्लॉक कब मिलेंगे, इस बारे में ठेका कंपनी या एनएचएआई के अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। खबर है कि रेल प्रशासन अगले सप्ताह ब्लॉक दे सकता है।

इंदोरा-दिघोरी फ्लाईओवर

प्रस्तावित इंदोरा-दिघोरी फ्लाईओवर शहर का सबसे लंबा फ्लाईओवर है। इसकी लंबाई 9 किमी है और चौड़ाई 11 मीटर (36 फीट) हैै। यह फोर लेन होगा। इस पर अनुमानित 700 करोड़ खर्च होगा। समय के साथ इसकी कीमत बढ़ सकती है।

लोगों को भारी परेशानी

इंदोरा से दिघोरी 9 किमी लंबा फ्लाई ओवर बनाने का काम एनसीसी कंपनी को मिला है। फ्लाई ओवर का काम शुरू से ही धीमी गति से चल रहा है। इस कारण उत्तर से लेकर दक्षिण नागपुर तक यातायात चरमरा गया है। पांचपावली फ्लाई ओवर तोड़ने के पहले एनएचएआई और ठेका कंपनी ने दावा किया था कि 30 दिन में फ्लाई ओवर जमींदोज कर दिया जाएगा और फ्लाई ओवर के नीचे से यातायात सुचारू जारी रहेगा। जिस दिन से फ्लाई ओवर तोड़ने का काम शुरू हुआ है, तब से नीचे का यातायात प्रभावित हो गया है। लोग इस आस में थे कि 30 दिन बाद राहत मिलेगी, लेकिन और एक महीने तक लोगों को परेशानी झेलने के लिए ठेका कंपनी ने मजबूर कर दिया है।


Created On :   11 May 2025 7:35 PM IST

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