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अलर्ट: भारी बारिश का कहर, रायगड और पुणे घाट क्षेत्र में रेड अलर्ट, विदर्भ में भी झमाझम

- मुंबई समेत छह जिलों में ऑरेंज अलर्ट
- अजित पवार ने आपदा प्रबंधन कक्ष में हालातों की समीक्षा की
- मुंबई में पांच दिन बाद हलकी पड़ी बारिश, जनजीवन पटरी पर
- बारिश थमी, लेकिन मार्ग बंद और फसलों को भारी क्षति
Mumbai News. महाराष्ट्र में हो रही भारी बारिश को देखते हुए राज्य के आपातकालीन कार्य केंद्र ने जिलों को अलर्ट जारी किए हैं। आगामी 24 घंटों के लिए रायगड व पुणे घाट क्षेत्र में रेड अलर्ट घोषित किया गया है, जबकि नंदुरबार, नाशिक घाट, पालघर, ठाणे, मुंबई (शहर व उपनगर), सातारा घाट, रत्नागिरी तथा कोल्हापुर घाट क्षेत्र में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार को मंत्रालय स्थित राज्य आपदा प्रबंधन कक्ष में बैठक लेकर हालातों की समीक्षा की। अजित ने राज्य के जिलाधिकारियों को आदेश दिया कि जिन जगहों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो रहे हैं, वहां तत्काल नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए। अभी तक इस बारिश के चलते राज्य में कुल 10 लोगों की मौत हो हुई है।
क्या हैं चेतावनी:
राज्य के आपातकालीन कार्य केंद्र के अनुसार
- मुंबई, ठाणे, रायगड, रत्नागिरी, पालघर जिलों में 3.4 से 4.4 मीटर तक ऊंची समुद्री लहरें उठने की आशंका है।
- सिंधुदुर्ग जिले में 2.9 से 4.0 मीटर तक लहरें संभावित हैं।
- इस दौरान 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
- मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
- जगबुड़ी (रत्नागिरी), अंबा और सावित्री (रायगड) नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
बचाव व राहत कार्य
- पालघर (वसई) में बाढ़ ग्रस्त मोरी गांव से 70 नागरिकों को एनडीआरएफ द्वारा सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया।
- सांगली जिले से अब तक 471 नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया है।
- पुणे (भोर- अंबाडे घाट) में भूस्खलन के कारण बंद हुए मार्ग को दोबारा से बहाल कर दिया गया।
- रत्नागिरी के कुछ मार्ग जलभराव के कारण बंद किए गए हैं।
- नागरिकों से अनुरोध है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें, समुद्र और नदी किनारों से दूर रहें, तथा किसी भी प्रकार की अफवाह पर विश्वास न करें।
मुंबई में पांच दिन बाद हलकी पड़ी बारिश, जनजीवन पटरी पर
मुंबई में बीते 5 दिनों से हो रही बारिश की तीव्रता बुधवार को कमजोर हो गई। बारिश की रफ्तार धीमी होने से मंगलवार को बुरी तरह से बाधित रही मुंबई की सेवाएं फिर से सुचारु रूप से चलने लगीं। हालांकि बुधवार को भी आकाश में काले बादल छाए रहे। कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हुई। शहर के शैक्षणिक संस्थान, कार्यालय फिर से शुरू हो गए। जबकि मुंबई उपनगरीय लोकल ट्रेन सेवा फिर से पटरी पर लौट आई। सड़क और हवाई यातायात भी सामान्य रहा। शहर के निचले इलाकों में हुआ जलजमाव खत्म हो गया। लेकिन पड़ोसी जिले ठाणे और पालघर में बारिश का जोर बुधवार को भी कायम रहा। जिले से गुजरनेवाली कई नदियां उफान पर थीं। इस बीच रबाले में खदान के पानी में डूबने से एक शख्स की मौत हो गई।
40 दिन पहले ही उपनगर में सीजन का कोटा पूरा
इस सीजन में मुंबई में हुई बारिश से सीजन समाप्त होने के 40 दिन पहले ही सीजन का कोटा पूरा हो गया है। क्षेत्रीय मौसम विभाग के मुताबिक आमतौर पर सांताक्रुज वेधशाला में मानसून सीजन में 2,319 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जाती है, जो बुधवार सुबह आठ बजे तक हुई बारिश से पूरा हो गया है। इसके अलावा कोलाबा वेधशाला में बुधवार सुबह तक सीजन की 72 फीसदी यानी 1,513 मिमी बारिश दर्ज की गई है। आमतौर पर कोलाबा वेधशाला में सीजन में औसतन 2,095 मिमी बारिश होती है। इसका आकलन करें तो इस सीजन में बारिश का जोर उपनगरीय इलाकों में अधिक रहा।
ठाणे, पालघर में भारी बारिश, एक की मौत
ठाणे जिले में बुधवार को भी बारिश का जोर कायम रहा। आपदा नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि ठाणे जिले के रबाले क्षेत्र में आधी रात के करीब पानी से भरी खदान में गिरने से आदित्य सिंह नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई। तहसीलदार सचिन शेजल ने बताया कि बाढ़ का पानी कल्याण में रुंडे ब्रिज के ऊपर से बहने लगा जिसके कारण उसे बंद करना पड़ा। जबकि पालघर जिले के अधिकारियों ने बताया कि जिले में रात भर तेज बारिश हुई जिससे निचले इलाकों में जलभराव हो गया और कई जगहों पर आवाजाही बाधित हो गई।
बिजली के करंट से एक ही परिवार के पांच की मौत
उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले में जंगली जानवरों से फसल की सुरक्षा के लिए खेत के चारो ओर लगाए गए बिजली के तार के संपर्क में आने से एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई। पुलिस ने बुधवार को बताया कि मृतकों में दो लड़के शामिल हैं। जबकि डेढ़ साल की एक बच्ची इस घटना में सुरक्षित बच गई। उन्होंने बताया कि यह घटना मंगलवार देर रात एरंडोल के वार्खेडी गांव में हुई और बुधवार सुबह इसका पता चला।
नागपुर में जोरदार बारिश
उपराजधानी नागपुर में लगातार हो रही बारिश से मौसम सुहावना हो गया है। हल्की ठंडी हवाओं ने राहत दी है। कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। निचले क्षेत्रों में जलभराव से लोगों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश थमी, लेकिन मार्ग बंद और फसलों को भारी क्षति
गड़चिरोली जिले में बुधवार को बारिश थम गई, लेकिन नदी-नाले उफान पर होने से भामरागढ़ समेत तहसील के 112 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क अभी भी कटा हुआ है। बुधवार शाम 5 बजे तक जिलेभर की 8 प्रमुख सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं। मेडिगड्डा बैरेज से पानी छोड़े जाने के कारण गोदावरी और प्राणहिता नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बीते 24 घंटों में जिले में औसतन 32.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
चंद्रपुर जिले में भी बारिश थमने के बावजूद नदी-नाले उफान पर हैं। धानोरा-भोयगांव मार्ग शनिवार से और बल्लारपुर-विसापुर मार्ग रविवार दोपहर से बंद है, जो बुधवार तक भी बहाल नहीं हो सके। इसके अलावा, कोरपना तहसील का कोडशी बु. से कोडशी खु. मार्ग और ब्रम्हपुरी तहसील का ब्रम्हपुरी-वड़सा मार्ग भी तीसरे दिन तक ठप रहे।
यवतमाल जिले में बाढ़ से 91 हजार हेक्टेयर में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। अकेले उमरखेड़ तहसील में 47,560 हेक्टेयर फसल तबाह हुई है। महागांव में 17,934 हेक्टेयर और पुसद में 14,736 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल नष्ट हुई है। आपदा में 45 मवेशियों और लगभग 250 मुर्गियों की मौत भी हुई है।
Created On :   20 Aug 2025 10:40 PM IST