Nagpur News: भीख मांगने वाले बच्चों के मुस्कुराने की वजह बनीं खुशी, चेहरे पर देखी जा रही रौनक

भीख मांगने वाले बच्चों के मुस्कुराने की वजह बनीं खुशी, चेहरे पर देखी जा रही रौनक
  • अपनी ममता से बच्चों की जिंदगी में भर रही नया रंग
  • चेहरे पर देखी जा रही रौनक
  • हर छोटी-छोटी जरूरतों का रखती हैं ख्याल

Nagpur News. बेसा क्षेत्र में रामटेके नगर की एक छोटी-सी टोली में एक ऐसी महिला रहती है, जो अनगिनत भीख मांगने वाले बच्चों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है। यह महिला अपनी ममता और करुणा की रोशनी से इन बच्चों की जिंदगी का नया रंग दे रही है। उनके लिए वह न केवल एक शिक्षिका है, बल्कि एक मां, एक दोस्त और एक उम्मीद की किरण है, जो इन बच्चों को अंधेरे से निकालकर ज्ञान और प्रेम के उजाले की ओर ले जा रही है। वह और कोई नहीं बल्कि शताब्दी नगर निवासी खुशी खुशाल ढाक है। इन बच्चों का अब इससे इस कदर लगाव हो गया है, कि खुशी को देख उनके मुंह से बस यही स्वर निकलते है। मुस्कुराने की वजह तुम हो।

माता-पिता नहीं दे पाते शिक्षा पर ध्यान

टोली में भीख मांगने वाले समाज के कई परिवार बसते हैं। इन परिवारों की जिंदगी रोजमर्रा की मुश्किलों और आर्थिक तंगी के बीच सिमटी हुई है। यहां के बच्चे, जो मासूमियत और सपनों से भरे होने चाहिए, अक्सर अनपढ़ और उपेक्षित रह जाते हैं। उनके माता-पिता, जो खुद जीवन की जंग में उलझे हैं, न तो उन्हें स्कूल भेज पाते हैं और न ही उनकी शिक्षा पर ध्यान दे पाते हैं। छोटी-मोटी चोट से लेकर गंभीर बीमारी तक उनके माता-पिता के पास न तो अस्पताल ले जाने के लिए पैसे होते हैं और न ही ऐसी जागरूकता। नन्हे-मुन्ने बच्चे, जिनके चेहरों पर मुस्कान होनी चाहिए, अक्सर दर्द और लाचारी के साथ सड़कों पर भटकते नजर आते हैं, लेकिन इस अंधेरी दुनिया में एक ऐसी शख्सियत है, जिसने इन बच्चों को अपने आलिंगन में ले लिया और उनकी जिंदगी को बदलने का बीड़ा उठाया। यह महिला, जिनका नाम इस टोली के हर बच्चे की जुबान पर है, इन बच्चों के लिए एक नई उम्मीद बनकर आई हैं।

हर छोटी-छोटी जरूरतों का रखती हैं ख्याल

इस महिला की करुणा केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है। वह इन बच्चों की हर छोटी-बड़ी जरूरत का ख्याल रखती हैं। जब कोई बच्चा बीमार पड़ता है या उसे चोट लगती है, तो वह उसे अपने बच्चे की तरह अस्पताल ले जाती हैं। दवाइयों से लेकर पौष्टिक भोजन तक, वह यह सुनिश्चित करती हैं कि इन बच्चों को वह सब मिले, जो उनकी उम्र के बच्चों को मिलना चाहिए।

Created On :   11 May 2025 8:10 PM IST

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