मौजूदा शैक्षणिक सत्र बीतने को आया लेकिन स्कूली बच्चें को नहीं मिली ड्रेस

शहडोल मौजूदा शैक्षणिक सत्र बीतने को आया लेकिन स्कूली बच्चें को नहीं मिली ड्रेस

Safal Upadhyay
Update: 2023-02-28 12:37 GMT
मौजूदा शैक्षणिक सत्र बीतने को आया लेकिन स्कूली बच्चें को नहीं मिली ड्रेस

डिजिटल डेस्क,शहडोल। शैक्षणिक सत्र बीतने को आया लेकिन जिले में शासकीय स्कूलों के बच्चों को नई ड्रेस नशीब नहीं हुईं। ड्रेस तैयार करने का जिम्मा आजीविका मिशन के माध्यम स्व सहायता समूहों को दिया गया है, लेकिन अभी तक किसी प्रकार की तैयारी सामने नहीं आई है। हालांकि इस देरी की वजह शासन स्तर से बजट आवंटन में हीलाहवाली को बताया जा रहा है। समूहों के खातों में जनवरी-फरवरी माह तक 75 प्रतिशत की राशि भेजी जा चुकी है। समूहों को मार्च महीने तक ड्रेस तैयार करने को कहा गया है। कहा जा रहा है कि जिस गति से कार्य हो रहा है उसे देखकर नहीं लगता कि इस वर्ष भी बच्चों को गणवेश मिल पाएगा।

114181 बच्चों पर खर्च होंगे 13.70 करोड़ रुपए

जिले में 2122 शासकीय प्रायमरी व मिडिल स्कूल हैं। कक्षा 5 व 8वीं  के बच्चों के खातों में राशि भेजी जानी है। जबकि कक्षा एक से सातवीं के 114181 बच्चों को दो-दो सेट ड्रेस सिलकर दिया जाना है। प्रति ड्रेस 300 रुपए के हिसाब से प्रत्येक बच्चे के गणवेश पर 6-6 सौ रुपए खर्च होंगे। इस लिहाज से जिले में गणवेश निर्माण पर 13 करोड़ 70 लाख 17 हजार 200 रुपए खर्च होंगे। छात्र संख्या के आधार पर 75 प्रतिशत राशि समूहों के खातों में पहुंच चुकी है।

समूह के एक सदस्य को रोज बनाने होंगे 6 ड्रेस

गणवेश सिलाई का काम जिले के 159 स्व समूहों को दिया गया है। इन समूहों के 1152 सदस्य सिलाई का काम करेंगे। एनआरएलएम द्वारा ड्रेस तैयार कर वितरण का लक्ष्य फिलहाल मार्च महीने तक रखा गया है। यदि समय पर ड्रेस वितरण कराया जाएगा तो समूह की प्रत्येक सदस्य को हर रोज 6 ड्रेस सिलकर तैयार करना होगा। तब कहीं जाकर मार्च महीने में सभी बच्चों को ड्रेस मिल पाएंगे। विभाग के प्रबंधक विष्णु विश्वकर्मा के अनुसार समय पर गणवेश तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। समूह की महिलाओं को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

शुरु हो चुकी है प्रक्रिया

शासन से समूहों को राशि आवंटन के बाद गणवेश तैयार करने की प्रक्रिया शुरु करा दी गई है। समय पर वितरण का प्रयास किया जाएगा।
हिमांशुचंद्र, सीईओ जिला पंचायत व नोडल
 

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