सौभाग्य योजना के तहत ठेकेदारों द्वारा कराए गए कार्यों की दोबारा हो सकती है जाँच! 

सौभाग्य योजना के तहत ठेकेदारों द्वारा कराए गए कार्यों की दोबारा हो सकती है जाँच! 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-10 09:18 GMT
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डिजिटल डेस्क जबलपुर । पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत अनेक जिलों में सौभाग्य योजना के तहत कराए गए विद्युतीकरण कार्य में बरती गई लापरवाही की एक बार फिर जाँच कराए जाने के आसार बनते नजर आ रहे हैं। इस योजना में सबसे ज्यादा सीधी और सिंगरौली में ठेकेदारों द्वारा गड़बड़ी किए जाने और क्षेत्रीय अधिकारी के साथ ही नोडल अधिकारी द्वारा बरती गई लापरवाही की शिकायतें ऊर्जा विभाग तक पहुँची हैं। हालाँकि इस मामले में पिछली सरकार द्वारा कुछ जिलों में जाँच कराई गई थी जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता पाए जाने के बाद अधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी। मगर सीधी-सिंगरौली मामले में जाँच पूरी नहीं हो सकी। जानकारों का कहना है कि सबसे ज्यादा लापरवाही इन्हीं दो क्षेत्रों में बरती गई है। 
150 करोड़ रु. के कराए कार्य
सूत्रों का कहना है कि सीधी-सिंगरौली में करीब सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपए के कार्य कराए गए हैं। इतना ही नहीं यहाँ बरती गई लापरवाही की शिकायतें बिजली कंपनी के अधिकारियों को समय-समय पर दी गईं, मगर समय रहते किसी भी अधिकारी ने जाँच नहीं कराई, जिससे कुछ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। 
केबलीकरण में ज्यादा अनियमितताएँ
पॉवर सेक्टर से जुड़े सूत्रों की मानें तो सीधी सिंगरौली में केबलीकरण कार्य में ज्यादा अनियमितताएँ बरती जाने की शिकायतें की गई थीं। इनके अलावा बिना विद्युत पोल लगाए और केबलीकरण किए बिना ही करोड़ों रुपए के फर्जी बिल प्रस्तुत किए जाने की बात भी सामने आ रही है। इन सब मामलों में पिछली सरकार की विधानसभा में जाँच कराए जाने की घोषणा तक की जा चुकी है। बताया जाता है कि कुछ क्षेत्रों में जाँच शुरू की गई थी मगर कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते जाँच बीच में ही रुक गई। जिसके दोबारा शुरू होने की एक बार फिर संभावना जताई जा रही है।
 

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