पाकिस्तान की जमीन से होगा भारत-अफगान व्यापार, रास्ता देने पर विचार
पाकिस्तान की जमीन से होगा भारत-अफगान व्यापार, रास्ता देने पर विचार
- इस बात की जानकारी अफगानिस्तान में अमेरिका के राजदूत जॉन बास ने दी है।
- पाक ने ये संकेत दिए हैं कि वह भारत और अफगानिस्तान के बीच अपने जमीनी रास्ते से कारोबार के पक्ष में है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में नई सरकार के आते ही अब उसके सुर भी बदलने लगे हैं। जो पाकिस्तान कुछ समय तक भारत-अफगानिस्तान व्यापार के लिए रास्ता देने से इनकार कर रहा था, अब आसानी से मानने को तैयार हो गया है। बता दें कि इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बातचीत हुई थी। इस दौरान पाक ने ये संकेत दिए थे कि वह भारत और अफगानिस्तान के बीच अपने जमीनी रास्ते से कारोबार के पक्ष में है। फिलहाल पाक सरकार इस पर विचार कर रही है, मगर संभावना हां के लिए ज्यादा लग रही है।
इस बात की जानकारी अफगानिस्तान में अमेरिका के राजदूत जॉन बास ने एक अंग्रेजी मीडिया को दिए इंटरव्यू में दी है। जॉन बास के अनुसार दो महत्वपूर्ण डेवेलपमेंट्स के बाद पाकिस्तानी सरकार ने अफगानिस्तान से इस संबंध में बातचीत की। बता दें कि पाकिस्तान बीते कई सालों से भारत के सामान को अफगानिस्तान भेजने के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दे रहा है। यही कारण है कि जॉन बास का यह खुलासा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस महत्वपूर्ण सूचना का खुलासा करते हुए राजदूत जॉन बास ने कहा कि मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी सरकार ने अफगानिस्तान से उन तरीकों पर भी विचार करने की बात कही, जिनसे भारत और अफगानिस्तान के बीच कारोबार को पाकिस्तान के रास्ते किया जा सके। मतलब साफ है कि पाकिस्तान सरकार ने संकेत दिए हैं कि भारत-अफगान व्यापार के लिए वह रास्ता देने के लिए पूरी तरह से तैयार है और पाक सरकार इस मामले पर व्यापार के तरीकों पर भी बात करना चाहती है।
पाक सरकार की ओर से इस तरह के संकेत दिए जाने की बात करते हुए जॉन बास ने कहा, "हम भारत से अफगानिस्तान के लिए निर्यात में इजाफा देख रहे हैं। निसंदेह यह एक्सपोर्ट की रणनीति का भी एक हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है। अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने के लिए कुछ महीनों पहले पाकिस्तान ने बात की थी।" मुंबई में आयोजित "भारत-अफगानिस्तान ट्रेड ऐंड इन्वेस्टमेंट शो" से इतर अमेरिकी राजदूत ने यह बात कही।