महीनों के लॉकडाउन के बाद खुले स्कूल, बच्चों को याद से सिखाएं ये 5 नए सबक

बाल दिवस 2021 महीनों के लॉकडाउन के बाद खुले स्कूल, बच्चों को याद से सिखाएं ये 5 नए सबक

Neha Kumari
Update: 2021-11-12 13:55 GMT
महीनों के लॉकडाउन के बाद खुले स्कूल, बच्चों को याद से सिखाएं ये 5 नए सबक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी की वजह से महीनों के लॉकडाउन के बाद छात्र अपने स्कूलों को लौट रहे हैं। यह बच्चों के लिए एक खुशी का माहौल तो होगा लेकिन साथ ही इतने दिनों बाद उस महौल में ढलना एक मुश्किल कदम हो सकता है। इस समय बच्चों को माता-पिता से भावनात्मक समर्थन की जरूरत पड़ सकती है।

इतने दिनों तक घर पर रहने के बाद कुछ बच्चे स्कूल जाने के समय अपने माता-पिता से दूर होने की चिंता का महसूस कर सकते हैं। वहीं कुछ बच्चे खेल के मैदान में COVID-19 के खतरे से चिंतित हो सकते हैं।
माता-पिता सोच रहे होंगे कि ऐसे स्कूल लौटने पर कैसे अपने बच्चों का खयाल रख सकते हैं?  यहां पांच तरीके बताए गए हैं जो माता-पिता को अपने बच्चों का ख्याल रखने में मदद कर सकते हैं।

1. दिनचर्या में बदलाव
वयस्कों की तरह, बच्चों और किशोरों की भी लॉकडाउन के दौरान काफी अलग दिनचर्या रही है। इसके पीछे की वजह सामान्य से अधिक स्क्रीन टाइम भी हो सकता है। नियमित स्कूल की दिनचर्या को आसान बनाने के लिए, माता-पिता अपने बच्चों के साथ नई दिनचर्या के पर हर रोज बातचीत कर सकते हैं। वहीं जब किशोर बच्चों के पर माता-पिता स्क्रीन समय को लेकर रोक लगाते हैं , तो बच्चों में उनके प्रति प्रतिरोधी की भावना पैदा हो जाती है।  इससे निपटने के  लिए माता पिता बच्चों को दूसरे कामों में लगा सकते हैं। जो उनके  लिए रूचिकर भी हों।

2. बदलाव के लिए समय दें
स्कूल से लौटने के बाद कुछ बच्चे विशेष रूप से थके हुए लग सकते हैं, जबकि अन्य बच्चे सामान्य से अधिक संवेदनशील या कम सहनशील हो सकते हैं। बच्चों से बात करें ताकि वह इस समय खुद को अकेला ना समझे।

3. बच्चों की परेशानियों को समझें 
बच्चों और किशोरों को कई चिंताएं हो सकती हैं, यह दोस्तों के बदले व्यवहार या स्कूल में वापस जाने की वजह से हो सकते हैं। छोटे बच्चों को परिवार से लंबे समय तक दूर रहने की चिंता हो सकती है। ऐसे में माता-पिता को उनका दोस्त बनकर उनकी परेशनियों को समझने की कोशिश करनी चाहिए।

4. बच्चों को करें गाइड
लॉकडाउन के दौरान बच्चों और किशोरों में कई तरह के बदलाव आए हैं ऐसे में माता-पिता को उन्हें सही रास्ता दिखाना चाहिए, बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय देकर उन्हें वापस पुरानी दिनचर्या में ढालने में मदद करनी चाहिए।

5. बच्चों में बढ़ाएं पॉजिटिव थिंकिग
नई चुनौतियों का सामना करने पर अधिकांश बच्चे अच्छी तरह से एडजस्ट नहीं हो पाते हैं। माता-पिता बच्चों और किशोरों को यह याद रखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं कि वे स्कूल के बारे में सबसे ज्यादा क्या पसंद करते हैं ताकि उन्हें वापस लौटने में मदद मिल सके। बच्चों द्वारा अनुभव की गई मज़ेदार कहानियों या मनोरंजक स्कूल की घटनाओं को याद करने से पॉजिटिव थिंकिग बढ़ती है।

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