Protocols For Civilians At War: युद्ध शुरू होने पर सेना नहीं बल्कि आम आदमियों के लिए भी होते हैं कुछ प्रोटोकॉल, जानें कैसे करें अपना बचाव

- पहलगाम हमले के बाद भारत ले रहा है सख्त एक्शन
- पाकिस्तान से युद्ध जैसी बन रही हैं परिस्थितियां
- पाकिस्तान कभी भी कर सकता है हमला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनावपूर्ण स्थिति देखने को मिल रही है। पाकिस्तान के खिलाफ भारत लगातार सैन्य कार्रवाई करने की तैयारियों में जुटा हुआ है। सैन्य कार्रवाई में क्या होने वाला है इसका अनुमान किसी को भी नहीं है। देश में युद्ध की स्थिति बन रही है। इसी बीच भारत ने मॉक ड्रिल का भी ऐलान कर दिया है। क्योंकि युद्ध में सेना के लिए तो प्रोटोकॉल्स तो होते ही हैं। साथ ही आम लोगों के लिए भी कुछ प्रोटोकॉल्स होते हैं। तो चलिए उन नियमों के बारे में जानते हैं।
क्या होते हैं प्रोटोकॉल?
युद्ध शुरू होने के बाद से ही आम लोगों को अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के नियमों और प्रोटोकॉल को फॉलो करना होता है। ये अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा होता है। आम आदमियों की सुरक्षा और उनके मानवीय व्यवहार को सुनिश्चित करने का काम करता है। इसमें नागरिक पर हमला नहीं करना होता है। स्वास्थ्य सेवाओं के साथ कार्यों को बाधित करना मना होता है।
घर से नहीं निकलें
अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के नियमों के मुताबिक, किसी भी परिस्थिति में नागरिकों को निशाना बनाने से मना किया जाता है। युद्ध के समय हर एक नागरिक को सुरक्षित जगह ले जाने की अनुमति दी जाती है। अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के नियमों का उल्लंघन का करना एक अपराध माना जाता है। अगर कोई भी युद्ध से प्रभावित जगहों पर रहते हैं तो उनको घर से बाहर निकलना मना होता है।
सुरक्षित रहें
नागरिकों को सुरक्षित रनहे के लिए अपने आसपास की परिस्थितियों पर भी पूरा ध्यान रखना होता है। अगर आपको किसी भी तरह के खतरे से बचना है तो आप सुरक्षित रास्तों का पता करें और उनको याद भी रखें कि आप किसी इमरजेंसी में आप वहां पर जा पाएं और सुरक्षित रह पाएं। इसके अलावा, आप अपने पास जरूरी दवाइयां, खाना, पानी जरूर रखें।
Created On :   6 May 2025 6:28 PM IST