Health Tips: लॉकडाउन के दौर में घर बैठे इन योगासनों को कर बढ़ाएं अपना इम्यून सिस्टम

Health Tips: लॉकडाउन के दौर में घर बैठे इन योगासनों को कर बढ़ाएं अपना इम्यून सिस्टम

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-28 23:26 GMT
Health Tips: लॉकडाउन के दौर में घर बैठे इन योगासनों को कर बढ़ाएं अपना इम्यून सिस्टम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश इस समय कोरोना संकट से जूझ रहा है। ऐसे में चिकित्सकों और विशेषज्ञों द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाकर रखें। एक मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी हमें किसी भी वायरस से संक्रमित होने से बचाती है, लेकिन जब हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होने लगती है तो सर्दी, जुकाम, खांसी बुखार जैसे अनेक बीमारियां शरीर को जकड़ लेंती हैं। पाचन तंत्र का ठीक ना होना भी इन रोगों का कारण होता है। ऐसे में बहुत जरुरी है कि हमें अपनी इम्यून पावर को बढ़ाना चाहिए। इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए योगगासान तथा प्रणायाम के साथ-साथ उचित मात्रा में आहार लेना भी आवश्यक होता है।

अक्सर यह देखने को मिलता है कि महिलाएं अपने परिवार का ध्यान रखने के चक्कर में अपनी सेहत को अनदेखा कर देंती हैं। जिसके कारण उनका इम्यून सिस्टम बिगड़ जाता है और वे कई तरह की बिमारियों से ग्रसित हो जाती हैं। ऐसे में महिलाओं को अपने दिनचर्या में कुछ ऐसे योगासन को स्थान देना चाहिए जो उन्हें स्टेमिना और ऊर्जा से भरपूर रखें। 

नौकासन- नौकासन मतलब नाव जैसा आसन। इसे अंग्रेजी में Boat Pose कहा जाता है। नौकासन करने की विधि- सबसे पहले एक सपाट जगह पर दरी या योगा मेट बिछाए। अब इस दरी पर पीठ के बल लेट जाए। फिर दोनों पैरो को एक साथ जोड़ ले और हाथों को शरीर से सटाकर रखे। एक गहरी सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए सिर, पैर, छाती और हाथों को उपर उठाएं। हाथों को जांघ से ठीक ऊपर होना चाहिए। पैर को सीधा रखे और घुटने नहीं मोड़ना चाहिए।

नौकासन के फायदें- पेट की चर्बी कम होती है। पाचन शक्ति मजबूत होती है। नौकासन करने से किडनी सुचारू रुप से काम करती हैं। 

नौकासन को लेकर क्या सावधानियां बरते- रीढ़ की हड्डी से जुड़ी गंभीर समस्या वाले डॉक्टर की सलाह पर ही नौकासन करें। अस्थमा और दिल के मरीज यह आसन न करें। यह योग गर्भावस्था और मासिक धर्म के पहले दो दिन में नहीं करना चाहिए।

उर्ध्व धुनरासन- इसे चक्रासन (Wheel Pose) भी कहते हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों घुटनों को मोड़ते हुए पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद दोनों तलवों को जमीन पर मजबूती से टिका लें। इसके बाद अपने दोनों हाथ सिर की तरफ उठाकर हथेलियों को जमीन पर लगाएं। अपने दोनों पैरों और हथेलियों को जमीन डेढ़ फिट का गैप रखें। अपने दोनों हाथों और पैरों के सहारे बाकी शरीर ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान 15 सेकेंड तक सांस रोक कर रखें। इसके बाद वापस मुद्रा में आएं और पीठ के बल लेट जाएं। इस आसन को चार से पांच बार करें।

उर्ध्व धुनरासन करने में ये बरते सावधानी- अगर आपकी पीट में चोट है तो ये आसन नहीं करें। अगर आप गर्भवती हों तो यह आसन ना करें

उर्ध्व मुख श्र्वासन- इस आसन को करने से पहले आप पेट के बल लेट जाएं। पैरों के तलवे ऊपर की तरफ रखें। अपने हाथ शरीर से चिपकाकर नीचे की ओर रखें। अब दोनों हाथ उठाकर बगल के पास रखे। हाथों पर वजन डालते हुए कंधों को ऊपर उठाएं और अपने बांहो को सीधा करें। आप तब तक ऊपर आएं जब तक दोनों हाथ सीधे न हो जाएं। पैरे पंजों के बल ही टिका कर रखें। पीठ जितनी मुड़ जाए उतनी ही मोड़ें। अब सिर को ऊपर उठाते हुए आसमान की तरफ देखें। अब 5 से 6 बार सांस ले और पहले की अवस्था में आएं। 

उष्ट्रासन- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठे जाएं या वज्रासन में बैठे। अब पीछे झुकते हुए दांए हाथ से दाएं पैर की एड़ी को पकड़ें और बाएं हाथ से बाएं पैर की एड़ी को पकड़ें। अब अपने सिर को पीछे झुकाएं और पेट आगे की तरफ कमर और सिर को पीछे की ओर रखें। इसी अवस्था में पंद्रह सेकेंड तक रहे और सांस लेते और छोड़ते रहें। अब सांस छोडते हुए पहले की स्थिति में आ जाएं।

 

मत्स्यासन- इस आसान को करने के लिए सबसे पहले आप कमर के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर से चिपकाकर रखें। पैरों को आपस में चिपका लें। अब अपने दोनों हाथों को कूल्हों के नीचे ले जाएं और दोनों हथेलियों जमीन पर टिका दें। अब सांस को अंदर लें और सिर व छाती को ऊपर की तरफ उठाएं। इसके बाद छाती की ऊपर ही रहने दें और सिर को जमीन पर टिकाने का प्रयास करें। अब कोहनियों को जमीन पर दबाएं और सारा भार कोहिनियों पर डालें न कि सिर पर। छाती को ऊपर उठाएं और पैरों और जांघों को जमीन पर टिका कर रखे। अब गहरी सांस ले और इसी अवस्था में रहे। अब सिर को ऊपर उठाएं और छाती को नीचे करते हुए पहले की अवस्था में आएं।

धनुरासन- इस आसन में शरीर धनुष की तरह हो जाता है इसलिए इसे धनुरासन कहते है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। अपने दोनों घुटनों को मोड़कर पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। अब दोनों हाथों से पैरों के टखानों को पकड़ लें। इस दौरान हाथ और कोहिनी सीधी रहना चाहिए। अब पैरों को बाहर की और खोलते हुए अपने घुटनों को ऊपर की ओर उठाइये। सांस अंदर लेते हुए अपनी छाती भी उठाएं। गर्दन उठाकर ऊपर की ओर देखें। पूरी ताकत के साथ आगे और पीछे का भाग उठाएं। दस से बीस सेकेंड इसी स्थिति में रहें। धीरे- धीरे सांस छोड़ते हुए पहले की स्थिति में आ जाएं। इसी आसन को केवल दो या तीन बार ही करें।

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