OMG! मंडे नहीं बल्कि वीक का ये दिन होता है सबसे डिप्रेसिंग

OMG! मंडे नहीं बल्कि वीक का ये दिन होता है सबसे डिप्रेसिंग

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-21 05:37 GMT


डिजिटल डेस्क । वीकएंड खत्म होते ही जब नया हफ्ता शुरू होता है तो लोगों को छुट्टी के बाद काम करने में दिक्कत आती है। छुट्टी का नशा और आलस उन पर सवार रहता है, जिससे मंडे का दिन सबसे भारी और लंबा लगता है। सोमवार खासतौर पर उन लोगों के लिए बोझिल होता है, जो कॉर्पोरेट वर्ल्ड में दिन रात मेहनत करते हैं और सेटरडे और संडे दो दिन की छुट्टी मनाते हैं। ऐसा लगता है मानो कुछ घंटे पहले ही तो शुक्रवार की शाम हुई थी और कैसे वीकेंड गुजर गया पता ही नहीं चला, लेकिन सभी के साथ ऐसा नहीं होता। कुछ लोगों के लिए सोमवार का दिन सबसे ज्यादा रिफ्रेशिंग होता है, क्योंकि छुट्टी के बाद वो खुद को काम करने के लिए दोबारा तैयार कर लेते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि सोमवार सप्ताह का सबसे डिप्रेसिंग दिन नहीं है, तो सवाल ये उठता है कि आखिर वो कौन सा है दिन है सप्ताह का, जो सबसे डिप्रेसिंग दिन माना जाता है?

 

Similar News