शाहीनबाग: दिल्ली पुलिस और प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, अब 17 फरवरी को होगी सुनवाई

शाहीनबाग: दिल्ली पुलिस और प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, अब 17 फरवरी को होगी सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-10 03:19 GMT
शाहीनबाग: दिल्ली पुलिस और प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, अब 17 फरवरी को होगी सुनवाई
हाईलाइट
  • CAA को हटाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी
  • शाहीनबाग में बीते दो महीने से प्रदर्शन जारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर आज (सोमवार) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस दोनों को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 17 फरवरी को होनी है। कोर्ट ने कहा कि "यदि मामले पर इतने दिनों तक इंतजार किया गया है, तो अगले एक हफ्ते तक भी इंतजार किया जा सकता है।"

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने शाहीनबाग पर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि "शाहीनबाग पर बहुत लंबे समय से विरोध प्रदर्शन चल रहा है, आप कैसे एक सार्वजनिक सड़क को ब्लॉक कर सकते हैं।" बहरहाल कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को शाहीनबाग से हटाने का आदेश देने से मना कर दिया, लेकिन कोर्ट का कहना है कि "हमेशा के लिए पब्लिक रोड्स को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है।"

महिलाएं बच्चे और कुछ बुजुर्ग भी प्रदर्शन में शामिल
गौरतलब है कि करीब दो महीने से ज्यादा समय से शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन जारी है। इसमें हजारों लोग शामिल हो रहे हैं, जिनमें महिलाएं, बच्चे और कुछ बुजुर्ग भी मौजूद हैं। इन्हीं में से एक बुजुर्ग महिला ने सरकार को खुली चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि "यदि सरकार पीछे नहीं हटेगी, तो हम भी एक इंच पीछे नहीं हटेंगे। बेहद तल्ख अंदाज में बुजुर्ग महिला ने कहा था कि "हम मरने से नहीं डरते।" इन महिलाओं की मांग है कि सरकार CAA वापस ले, नहीं तो उनका प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा।

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