आधार की अनिवार्यता के मसले पर 18-19 जुलाई को सुनवाई
आधार की अनिवार्यता के मसले पर 18-19 जुलाई को सुनवाई
Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-12 10:16 GMT
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने और राइट टू प्राइवेसी के विरोध में केंद्र सरकार के निर्देश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 18 और 19 जुलाई को सुनवाई करेगा। यह सुनवाई चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली 5 जजों की कांस्टीट्यूशन बेंच करेगी।
पहले इस बात को लेकर उलझन थी कि इस मामले की सुनवाई 5 जजों की बेंच करे या फिर 7 जजों की। लेकिन बाद में याचिकाकर्ता और सरकारी वकील के इस आग्रह को मान लिया कि इसकी सुनवाई 5 जजों की बेंच ही करेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केवल इस आशंका के आधार पर ही अनिवार्यता स्थगित नहीं की जा सकती कि इसके न होने पर हितधारक को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि केंद्र सरकार ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार की अनिवार्यता को 30 सितंबर तक बढा दिया था, इससे वे हितग्राही जिनके पास
आधार नहीं है वो वैकल्पिक पहचान के आधार पर योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि एक तरफ कोर्ट ने यह कहा है कि आधार अनिवार्य नहीं है, लेकिन सरकार स्कॉलरशिप से लेकर राशन तक तमाम योजनाओं में आधार को अनिवार्य बना रही है।
राइट टू प्राइवेसी के मसले पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। यह मामला भी कांस्टीट्यूशन बेंच के अधीन है। इसके खिलाफ याचिका में कहा गया है कि आधार कार्ड के लिए दी जाने वाली जानकारी व्यक्ति की प्राइवेसी के अधिकार का हनन है, जबकि केंद्र सरकार यह कहती है कि प्राइवेसी व्यक्ति का मूल अधिकार नहीं है।