मॉब लिंचिंग पर बोले शशि थरूर- देश में आज मुसलमानों से ज्यादा गाय सुरक्षित है

मॉब लिंचिंग पर बोले शशि थरूर- देश में आज मुसलमानों से ज्यादा गाय सुरक्षित है

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-22 14:17 GMT
मॉब लिंचिंग पर बोले शशि थरूर- देश में आज मुसलमानों से ज्यादा गाय सुरक्षित है
हाईलाइट
  • कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक बार फिर बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है।
  • देश के कुछ हिस्सों में सुरक्षित रहने के लिए मुसलमान होने से बेहतर गाय होना है।
  • बीजेपी के नेता ये दावा करते है कि सांप्रदायिक हिंसा में कमी आई है
  • लेकिन सच्चाई कुछ और है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने देश में आए दिन गौरक्षा के नाम पर हो रही मॉब लिंचिंग को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि आज देश के कुछ हिस्सों में सुरक्षित रहने के लिए मुसलमान होने से बेहतर गाय होना है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता ये दावा करते हैं कि सांप्रदायिक हिंसा में कमी आई है, लेकिन सच्चाई कुछ और है।

 

 


मोदी सरकार के दावें झूठें
एक न्यूज पोर्टल में दिए अपने लेख में शशि थरूर लिखते हैं, "मोदी सरकार को लगता है कि उनके नेता जो भी बोलेंगे जनता उन पर विश्वास कर लेगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान इस बात से साफ तौर पर इनकार कर दिया था कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि पिछले चार सालों में कोई भी बड़ा सांप्रदायिक दंगा भारत में नहीं हुआ। ये दोनों ही दावे झूठे हैं।"

गाय से जुड़े 97 मामले मोदी सरकार के कार्यकाल में
शशि थरूर ने लिखा, "2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद गाय की रक्षा के लिए नया कानून बनाया गया। गाय संरक्षण समितियां बनाई गई। इस दौरान गौरक्षकों ने न केवल कानून को अपने हाथ में लिया, बल्कि उन्होंने गाय की रक्षा के नाम पर मर्डर जैसे गंभीर अपराध भी किए। गाय को लेकर हुई हिंसा के 70 मामले पिछले आठ साल में सामने आए हैं, जिनमें से 97 प्रतिशत (70 में से 68) मामले पिछले चार सालों में आए हैं।"

28 लोगों की हत्या, 86% मुसलमान
शशि थरूर लिखते हैं, "इन हमलों में 136 लोग घायल हुए हैं और 28 लोगों को मार दिया गया। इन 28 लोगों में भी 86 प्रतिशत मुसलमान हैं।" इस लेख में शशि थरूर ने साल भर पहले हुई ट्रेन मॉब लिंचिग का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि किस तरह ईद के समय 15 वर्ष के जुनैद खान को भीड़ ने चलती हुई ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया।  

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